आज भी मिट्टी के बर्तन बना पहुंचा रहे हैं ठंडक

By: Apr 8th, 2024 12:10 am

निजी संवाददाता-भराड़ी
गर्मी का मौसम आते ही सभी को ठंडक चाहिए और चाहिए ठंडा पानी। आधुनिकता के बढ़ते प्रभाव से अब हर घर भी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। सभी के घर में फ्रिज उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ समय पहले गर्मियों के मौसम में ग्रामीण व शहरी इलाकों में बड़े बड़े मिट्टी के मटके और घड़े, सुराही में पानी पीने का चलन था और गुणों से भरपूर पानी पीने को मिलता था। लेकिन अब शहरों से गांवों में फ्रिज के चलन से यह मिट्टी के बर्तन गायब हो रहे है।

उपतहसील भराड़ी के लेठवीं, लढय़ानी, भराड़ी, मिहाड़ा और हम्बोट क्षेत्रों में कुछ परिवारों ने मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रकिया को जीवंत रखा है, ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी सभ्यता और धरोहर को बचा सके। कर्म सिंह, पंजू राम व नरेश आदि ने बताया की यह कला हमारी पुरानी पीढिय़ों से चली आ रही है और इसको जीवित रखना हमारा कर्तव्य है। अत: गर्मियों का मौसम आते ही घड़े बनाने वाली मिट्टी की तलाश शुरू करते है और खुदाई कर उस मिट्टी को एकत्रित करते है, फिर उसको विभिन्न गतिविधियों से पूर्ण कर घड़े व बर्तन के रुप में अंतिम स्वरूप दिया जाता है और हर घर तक पहुंचाया जाता है। ताकि उन्हें गर्मियों के मौसम में विभिन्न गुणों से भरपूर ठंडा पानी उपलब्ध हो सके।


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