बिना परमिशन बना ली पांच मीटर चौड़ी सडक़
मीरू में पॉवर प्रोजेक्ट को लेकर ठेकेदार की मनमानी, वन विभाग ने बंद करवाया काम
दिव्य हिमाचल ब्यूरो—रिकांगपिओ
किन्नौर जिला के मीरू पंचायत क्षेत्र में 20 मेगावाट क्षमता वाली भूमिगत जल विद्युत परियोजना प्रबंधन रोरा नॉन कैंबेंशनल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रभावित क्षेत्र मीरू के ग्रामीणों के साथ समझौता नामा पूर्ण होने से पहले अपने ठेकेदार के माध्यम से गैर जिमेदाराना तरीके के वन भूमि पर सडक़ निर्माण कार्य शुरू किए जाने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त कंपनी द्वारा परियोजना निर्माण के लिए रांगले की और से सडक़ का निर्माण किया जाना था, लेकिन कंपनी ने डीएलआई कंपनी के ट्रेंच वियर से आगे यूला खड़ होते हुए करीब 400 मीटर लंबा व पांच मीटर चौड़ा सडक़ का निर्माण कर दिया। जिस में कई पेड़ पौधे सहित कई वन संपदा को नुकसान पहुंचाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी द्वारा वर्तमान में जिस स्थान से सडक़ का निर्माण कर रही है व पूरी तरह अवैध है। रोरा नॉन कैंबेंशनल एनर्जी कंपनी ने इस स्थान से सडक़ बनाने का न तो फॉरेस्ट से किसी प्रकार का क्लियरेंस लिया है और न ही ग्रामीणों से एनओसी प्राप्त किया है। ग्रामीणों ने रोरा नॉन कैंबेंशनल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड इस गैर जिम्मेदाराना तरीके से किए गए कार्य को लेकर पुलिस, प्रशासन सहित फॉरेस्ट विभाग को सूचित किया है, मामला पुलिस थाना तक पहुंचा है।
उधर इस मामले पर डीएफओ किन्नौर अरविंद कुमार ने बताया कि मीरू व युला पंचायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा अवैध रूप से वन भूमि पर सडक़ निर्माण किए जाने का मामला सामने आते ही विभाग के अधिकारियों को घटना स्थल पर भेजकर निर्माण कार्य को बंद करने के साथ मशीनरी को सीज किए जाने के आदेश दिए गए है। उधर फॉरेस्ट विभाग के बीओ उरर्नी ने बताया कि कंपनी द्वारा ईलिगल तरीके से वन भूमि पर काम करने को लेकर कंपनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया जा रहा है। आप को बता दें की वक्त कंपनी इस से पूर्व भी वर्ष 2023-24 के दौरान भी अवैध रूप से कार्य करने के ऐवज में वन विभाग को कई लाख रुपए जुर्माना भर चुकी है। उधर इस मामले पर एसडीएम भावा नगर ने भी कहा की रेवन्यू विभाग के अधिकारियों को भी घटना स्थल पर भेजा जा रहा है।
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