सरकार की मंजूरी, पीपीपी मोड पर बनेगा बल्क ड्रग पार्क

By: Apr 12th, 2024 10:40 pm

अब रणनीतिक साझीदार की तलाश, शेयर नहीं होगी इक्विटी

टेंडर करने से पहले मुख्यमंत्री के सामने होगी प्रेजेंटेशन
पार्क की लागत भी 1923 से बढक़र 2200 करोड़ हुई

राजेश मंढोत्रा — शिमला
हिमाचल का महत्त्वाकांक्षी बल्क ड्रग पार्क अब पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर बनेगा। राज्य सरकार ने शुक्रवार को इसकी लिखित मंजूरी दे दी। इस पार्क में करीब 1200 करोड़ लगाने के लिए राज्य सरकार को रणनीतिक साझीदार की तलाश है। निजी निवेश के लिए यह चयन किस फार्मूले के आधार पर हो, यह फैसला अब हुआ है। शुक्रवार को प्रधान सचिव उद्योग ने उद्योग निदेशक को इस आशय का पत्र जारी कर दिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि रणनीतिक साझीदार की तलाश के लिए कंसल्टेंट की ओर से दिए गए विकल्पों में से पीपीपी मोड का चयन किया जाए। इसमें पहले 10 साल वायबिलिटी गैप फंडिंग राज्य सरकार करेगी। हर साल अधिकतम 25 करोड़ तक वीजीएफ में पार्टनर को दिए जाएंगे और इसकी रिवर्स बिडिंग होगी। 10 साल के बाद रिवेन्यू शेयरिंग शुरू होगी यानी 11 साल से 40 साल तक रणनीतिक साझीदार राज्य सरकार से रेवेन्यू शेयर करेगा।

इसकी अधिकतम सीमा भी प्रतिवर्ष 42 करोड़ तक होगी। 40 साल के लिए पीपीपी मोड के माध्यम से प्राइवेट इन्वेस्टर को यह पार्क बनाना और चलाना होगा यानी ऑपरेशन और मेंटेनेंस का काम भी स्ट्रैटेजिक पार्टनर का ही है। राज्य सरकार की ओर से हुए फैसले के अनुसार इक्विटी शेयरिंग में कोई समझौता नहीं होगा। यानी जमीन से लेकर अन्य संसाधनों का एक फीसदी मालिकाना हक भी ट्रांसफर नहीं होगा। उद्योग सचिव ने विभाग को कहा है कि इसी अनुसार टेंडर डाक्युमेंट तैयार किया जाए और इसे जारी करने से पहले मुख्यमंत्री के सामने इसकी प्रेजेंटेशन दी जाए। प्रेजेंटेशन में अंतिम फैसला होने के बाद चुनाव आयोग से टेंडर करने के लिए अनुमति ली जाएगी। ऊना जिला के हरोली में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क की पहली डीपीआर 1923 करोड़ की बनी थी, लेकिन अब इसकी लागत बढक़र 2200 करोड़ हो गई है। भारत सरकार से इस पार्क के लिए करीब 1000 करोड़ मिलना है, जबकि बाकी की धनराशि स्ट्रैटेजिक पार्टनर के जरिए राज्य सरकार को जुटानी है।

सीएम के बयान से हुआ था कन्फ्यूजन
बल्क ड्रग पार्क का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्तूबर, 2022 को ऊना जिला में आकर किया था, लेकिन तब से अब तक इस पार्क को लेकर काम की गति धीमी है। हालांकि भारत सरकार ने पहली किस्त के तौर पर 225 करोड़ भी दे दिए थे। पांच नवंबर, 2023 को बिजली, पानी, सडक़ इत्यादि के लिए 68 करोड़ के काम भी अवार्ड कर दिए गए। नवंबर 2023 में ही उद्योग मंत्री और उपमुख्यमंत्री ने ऊना में पार्क के कार्यालय का भी शुभारंभ किया, लेकिन 22 फरवरी, 2024 को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि इस पार्क को हम अपनी शर्तों पर बनाएंगे। इसी बयान से कई तरह के संशय पैदा हो गए थे, लेकिन अब सरकार ने टेंडर डाक्युमेंट पर आगे बढऩे का निर्णय लिया है।


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