EVM-VVPAT पर सुनवाई पूरी, SC ने फैसला रखा सुरक्षित

By: Apr 18th, 2024 5:25 pm

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से पड़े मतों के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की पर्चिययों की 100 फीसदी गिनती या फिर मतपत्रों से चुनाव कराने की पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें विस्तारपूर्वक सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।पीठ ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से ईवीएम और वीवीपैट की वर्तमान व्यवस्था में उम्मीदवारों के प्रतिनिधि के शामिल होने, छेड़छाड़ रोकने सहित तमाम चुनावी प्रक्रियाओं और कार्यप्रणालियों से संबंधित तमाम आशंकाओं को दूर करने को कहा।

याचिकाएं एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और अन्य की ओर से दायर की गई थीं। उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पीठ ने उप चुनाव आयुक्त नितेश व्यास से पूछा, “आप हमें पूरी प्रक्रिया बताएं कि उम्मीदवारों के प्रतिनिधि कैसे शामिल होते हैं और छेड़छाड़ कैसे रोकी जाती है।” शीर्ष अदालत ने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट की चुनावी प्रक्रिया और कार्यप्रणाली से संबंधित कोई भी आशंका नहीं रहनी चाहिए। पीठ ने कहा, “हम चाहते हैं कि या तो आपको या किसी अन्य अधिकारी को अदालत कक्ष के अंदर या बाहर के लोगों की सभी आशंकाओं को दूर करना चाहिए… यह एक चुनावी प्रक्रिया है। इसमें पवित्रता होनी चाहिए। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि कुछ ऐसा किया जा रहा है, जिसकी अपेक्षा नहीं की जाती है।”

शीर्ष अदालत के समक्ष चुनाव अधिकारी ने ईवीएम, इसकी नियंत्रण इकाई, मतपत्र इकाई और वीवीपैट की प्रक्रिया को समझाया।शीर्ष अदालत ने यह भी जानना चाहा कि वीवीपैट और ईवीएम के बीच कोई विसंगति तो नहीं है? पीठ ने पूछा, ”अगर किसी मतदाता को यह (वीवीपैट) पर्ची थमा दी जाए कि उसने अपना वोट डाल दिया है तो इसमें क्या नुकसान है?” इस पर चुनाव अधिकारी ने कहा कि इससे वोटों की गोपनीयता प्रभावित होने के साथ ही जानबूझकर शरारत की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।


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