पुस्तकों का बढ़ता महत्त्व…
23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस बहुत से देशों में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 23 अप्रैल 1995 को यूनेस्को में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य विश्वभर के मुख्य लेखकों को सम्मान देना और जो लेखक दुनिया को अलविदा कह गए हैं, उन्हें श्रद्धांजलि देना भी है। इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य लोगों की पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ाना और साक्षरता दर बढ़ाना भी है। इस दिवस के आयोजन में मुख्य तौर पर विभिन्न प्रकाशक, शिक्षक, लेखक और पुस्तकों से किसी न किसी रूप से जुड़े लोग शामिल होते हैं। आज इंटरनेट का जमाना है, लेकिन आज भी पुस्तकों का बहुत महत्व है।
खासतौर पर धर्म, संस्कृति और अन्य प्राचीन इतिहास की जानकारी जितनी हमें पुस्तकों से मिल सकती है, उतनी शायद इंटरनेट पर न प्राप्त हो पाए। युवाओं को पुस्तकें पढऩे के लिए प्रेरित करना होगा। -राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
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