लालपानी सीवरेज प्लांट के सैंपल फेल

By: Apr 29th, 2024 12:10 am

प्लांट चला रही कंपनी को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगाया 95 लाख रुपए का जुर्माना

सिटी रिपोर्टर—शिमला
लालपानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पानी के सैंपल फेल हो गए हैं। ऐसे में प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी को 95 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बोर्ड के मुताबिक इससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। पहले भी जनवरी 2022 में प्लांट चला रही कंपनी को 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन कंपनी ने दो साल बाद भी इसका भुगतान नहीं किया है। अब कंपनी को 15 दिन के अंदर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 1.26 करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा। लालपानी सीवरेज प्लांट के सैंपल तीन साल से लगातार फेल हो रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 से लालपानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से छोड़े पानी के ज्यादातर सैंपल फेल निकले हैं। यह पानी सीधे अश्विनी खड्ड में छोड़ा जा रहा है जिससे क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ गया है। लापलानी प्लांट का एक निकास द्वार भी पिछले साल गिर गया था लेकिन कंपनी ने अभी तक इसकी मरम्मत नहीं करवाई है। इससे प्लांट से सही तरीके से पानी का निकास नहीं हो पा रहा है। अमरुत मिशन के तहत 20 करोड़ से प्लांट को अपग्रेड करने का कार्य दिसंबर में पूरा होना था लेकिन यह अधूरा पड़ा है।

प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर माह दो बार सैंपल लेता है। रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2022 से इस साल अप्रैल तक के सभी सैंपल फेल निकले थे। अश्विनी खड्ड की खराब हालत पर एनजीटी ने भी संज्ञान लिया है। तीन अप्रैल को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने लालपानी प्लांट के सैंपल लिए थे। प्लांट से निष्कासित पानी अश्विनी खड्ड में प्रदूषण की प्रमुख वजह है। इसके लिए 7 जुलाई को एनजीटी में सुनवाई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अश्विनी प्रदेश की सबसे प्रदूषित खड्ड है। बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले माह की सैंपल रिपोर्ट में लालपानी से छोड़े जा रहे पानी में सस्पेंडिड सॉलिड 223 मिलीग्राम प्रति लीटर निकला है जो तय मापदंडों से दो गुना ज्यादा है। पानी में बीओडी 280 मिलीग्राम प्रति लीटर है जो तय मापदंडों के हिसाब से 30 मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।


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