नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा…

By: Apr 17th, 2024 7:35 pm

शिमला – हिमाचल में चल रहे सियासी भूचाल के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति जारी है। बीते रोज़ कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी पर साजिश के तहत सरकार गिराने के आरोप जड़े थे, जिस पर पलटवार करते हुए नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। श्री ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा ने सरकार गिराने की कोशिश नहीं की बल्कि मुख्यमंत्री की करनी से सरकार खतरे में पड़ी है। राज्यसभा में कांग्रेस के उम्मीदवार को मिली हार के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को नैतिक जिम्मेदारी लेकर त्याग पत्र दे देना चाहिए था। खेमों में बंटी कांग्रेस के नेता भी यही चाहते थे कि हिमाचल में नेतृत्व परिवर्तन किया जाए।

श्री ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री के पास बहुत बड़े बहुमत के बाद भी वो नेताओं को साथ चलने में असफल रहे। इसके कई उदाहरण है, राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में अलग-अलग गुट है जिन्होंने ईमानदारी से प्रयास किया कि मुख्यमंत्री इस्तीफा दे। आज कांग्रेस पार्टी में बड़ी संख्या में नेता नेतृत्व परिवर्तन चाहते है, पर लोकसभा चुनावों की वजह से यह संभव नहीं हो पाया। फिर भी मुख्यमंत्री के दाएं-बाएं बैठे नेताओं को हौंसला दिया गया है की लोकसभा चुनाव नतीजों तक इंतजार करो।

श्री ठाकुर ने मंगलवार को आए सर्वे का जिक्र भी किया है जिसमें भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर 400 पार के लक्ष्य के करीब है और हिमाचल में सभी चार सीटें जीतने का संकेत दिया गया है। उन्होंने कहा कि आलाकमान ने मुख्यमंत्री पर लोकसभा चुनावों के बाद निर्णय होगा ये कहकर कांग्रेस के नाराज नेताओं को शांत किया गया। ई वोटर सर्वे का जिक्र करते हुए नेता विपक्ष ने कहा कि भाजपा का 400 पार का नारा सच होता दिखाई दे रहा है। महिलाओं को 1500 पंद्रह माह बाद भी वायदे के मुताबिक न देना और लोकसभा चुनावों से पहले बिना बजट में प्रावधान के 1500 की घोषणा करना महिलाओं के प्रति छल है। इसका दोष भाजपा को देना गलत है। उपमुख्यमंत्री बार-बार सरकार अस्थिर करने की बात कर रहे हैं, उनको ये कहने की इसलिए जरूरत पड़ रही है कि सरकार सच में ही स्थिर नहीं है।

उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री विचलित है, अब बोल रहे हैं कि इस योजना के 2 महीने अप्रैल और मई 2024 की 3000 रुपये की राशि महिलाओं के खाते में डालेंगे क्या यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री का जवाब देते हुए कहा कि ऐसी क्या आवश्यकता आन पड़ी कि मुकेश बोल रहे हैं कि सरकार स्थिर है, अगर उन्होंने सरकार बनाने के आंकड़े देखने हैं तो राज्यसभा के नतीजे देख ले यह साफ आंकड़े दिखाएंगे। हाल ही में कांग्रेस नेताओं ने बड़े कदम उठाए और सरकार के खिलाफ दिखाकर वोट डाला, यह सरकार की सीधी सीधी नाकामी है। जब सीएम ने जन प्रतिनिधियों को उचित स्थान ही नहीं दिया और मुख्यमंत्री के दोस्त कैबिनेट दर्जे के साथ सरकार चला रहे हैं तो यह तो होना ही था।

श्री ठाकुर ने ओल्ड पेंशन स्कीम पर कहा कि हमने ना तब, ना आज विरोध किया। कांग्रेस पार्टी केवल मात्र कर्मचारियों में दहशत का माहौल खड़ा करने का प्रयास कर रही है। भाजपा की सरकार राजस्थान में भी है पर वहां भी इस योजना को बंद नहीं किया गया। भाजपा बदला-बदली की भावना से काम नहीं करती, जैसे कांग्रेस ने प्रदेश में 1000 संस्थान बंद कर दिए, आयुष्मान भारत और हिम केयर के 300 करोड रुपए रोक दिए। जिसके कारण जनता को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अकेले आईजीएमसी का ही 70 करोड़ का बकाया है, रोबोटिक सर्जरी पर तो काम ही शुरू नही हुआ।

उन्होंने आरोप लगाया कि अब कर्मचारियों के मन में डर बिठाया जा रहा है कि भाजपा आएगी तो ओपीएस बन्द कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं होगा। भाजपा बदले की राजनीति नहीं करती है। हिमाचल में बिगड़े हालातों के लिए कांग्रेस सरकार खुद जिम्मेदार है। जयराम को दोष देना सही नहीं है। श्री ठाकुर ने कांग्रेस नेताओं के दूरबीन वाले बयान पर भी तंज कसा और कहा कि हमें कांग्रेस की चिंता नहीं, दो टिकट घोषित करना शायद कांग्रेस की बड़ी उपलब्धि है। उप मुख्यमंत्री पर भी तंज कसते हुए कहा कि दिन में देखते हैं सपने। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गलत करेंगी तो हम विरोध करेंगे क्योंकि हम विपक्ष है, उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास ऐसी एक भी योजना नहीं जो जनहित में चलाई गई है। श्री ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी पर आपदा के समय आए पैसे का हिसाब मांगा और प्रदेश को केंद्र से आए पैसों को कांग्रेस नेताओ को चुन-चुन कर बांटने का आरोप भी लगाया।


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