मंदिर के प्रवेश द्वार की सीढिय़ां तोड़ीं, भक्त आहत

By: Apr 4th, 2024 12:55 am

बज्रेश्वरी मंदिर में दर्शनों को आ रहे श्रद्धालुओं ने प्रशासन पर उठाए सवाल, रोजाना हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे मंदिर

नगर संवाददाता- कांगड़ा
आगामी चैत्र नवरात्र में शक्तिपीठ माता बज्रेश्वरी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के बड़े-बड़े दावे करने वाला स्थानीय प्रशासन गुरुवार को शीतला अष्टमी के एक दिन बाद उसे समय फेल हो गए, जब मंदिर में मारबल बिछाने का कार्य कर रहे ठेकेदार ने अपनी मनमानी करते हुए मंदिर के प्रवेश द्वार की सीढिय़ों को मारबल बिछाने के हेतु तोड़ दिया, इसके बाद मंदिर में माथा टेक ने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मात्र एक ही प्रवेश द्वार बचा और जिस तरह से पिछले तीन-चार दिन से शीतला अष्टमी के मौके पर हजारों लोग रोजाना मंदिर में माता के दर्शनों को पहुंच रहे थे, उसके बाद प्रशासन पर भी सवालिया निशान लगे हैं कि आखिर किसके कहने पर इस तरह का कार्य हजारों की भीड़ में लगा दिया गया। बताते चलें कि पिछले कुछ हफ्तों से माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर में भारी भीड़ उमड़ रही है। वहीं, कुछ पिछले महीनों से मारबल मंदिर परिसर में मारबल बछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इस कार्य के शुरू होने से जहां से श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ा, वहीं पुजारी वर्ग में भी खास रोज दिखा।

वहीं, मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अशोक हिमाचली, सदन शर्मा, विजय सहगल का कहना है कि मंदिर में मारबल का कार्य श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करवाया जा रहा है, लेकिन आज जिस तरह से मंदिर में भारी भीड़ उमड़ रही है, यह कार्य नवरात्र के बाद ही लगाना चाहिए था, लेकिन जल्द ही इस काम को समाप्त करना चाहिए, ताकि परेशानी न हो। उल्लेखनीय है कि मंदिर में माथा टेक ने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मात्र एक ही प्रवेश द्वार बचा और जिस तरह से पिछले तीन-चार दिन से शीतला अष्टमी के मौके पर हजारों लोग रोजाना मंदिर में माता के दर्शनों को पहुंच रहे थे, उसके बाद प्रशासन पर भी सवालिया निशान लगे हैं कि आखिर किसके कहने पर इस तरह का कार्य हजारों की भीड़ में लगा दिया गया। बताते चलें कि पिछले कुछ हफ्तों से माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर में भारी भीड़ उमड़ रही है। इस संबंध में बात करने पर तहसीलदार एवं मंदिर अधिकारी मोहित रत्न ने बताया कि काम के चलते फिलहाल एमर्जेंसी डोर खोल दिया गया है, यहां से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करेंगे और पुराने रास्ते से बाहर निकलेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो यह व्यवस्था चैत्र नवरात्र तक चलती रहेगी। फिलहाल निर्माण कार्य को रोक दिया गया है।

मंदिर प्रशासन को जारी किए आदेश
एसडीएम कांगड़ा ईशांत जसवाल का कहना है कि मंदिर प्रशासन को आदेश जारी कर दिए गए है। इस मसले का जल्द हल करे।


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