केएनएच अस्पताल में थायरायड की दवाइयों का स्टॉक खत्म

By: Apr 28th, 2024 12:54 am

निजी मेडिकल स्टोर्स से महंगे दाम पर खरीदने को मजबूर मरीज

स्टाफ रिपोर्टर—शिमला
कमला नेहरू अस्पताल में थायरायड की दवाओं का स्टॉक खत्म हो गया है, जिससे महिला मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि कई महिला मरीजों ने तो बाजारों से महंगी दरों पर दवाइयां खरीदनी शुरू कर दी हैं। अस्पताल में रोजाना सैकड़ों महिला मरीज इलाज के लिए आती हैं। जांच के दौरान चिकित्सक प्रेग्नेंट और सामान्य महिलाओं को थायरायड की दवाएं लिखते हैं, लेकिन अस्पताल में इसका स्टॉक खत्म है। लिहाजा मरीजों को अब
मायूस होकर अस्पताल से लौटना पड़ रहा है।

महंगे दाम पर दवाई खरीदने को मजबूर मरीज
अस्पतालों में थायरायड की दवाइयों का स्टॉक खत्म हो गया है। ऐसे में मरीजों को महंगे दाम पर निजी मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेनी पड़ रही हैं। अधिकतर मेडिकल स्टोर में भी यह दवाइयां नहीं मिल रही हैं। ऐसे में मरीजों को बाहरी राज्यों से भी इन दवाइयों को मंगवाना पड़ रहा है।

थायरायड की दवाएं उपलब्ध है। थायरायड की रेंज की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही दवाएं दी जाती हैं। अस्पताल में 25 और 50 एमजी की दवाएं दी जाती हैं, लेकिन इन दिनों केवल 50 एमजी वाली दवाएं ही दी जा रही हैं डा. सुभाष चौहान, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक

टीबी रोगियों को फूड बास्केट देगा स्वास्थ्य विभाग
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
जिला में टीबी रोगियों को फूड बास्केट मिलेगी। इस फूड बास्केट में रोगियों के लिए गुड़, दालें और ड्राई फ्रूट होंगे। स्वास्थ्य विभाग, निक्षय मित्र योजना के तहत यह सुविधा मुहैया करवा रहा है। अब तक जिले के दस ब्लॉक में अधिकांश रोगियों को यह फूड बास्केट बांटी जा चुकी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला डा. राकेश प्रताप ने इसकी पुष्टि की है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में 1300 के करीब टीबी रोगी हैं। विभाग का दावा है कि रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

ऐसे में यह सब चीजें इस फूड बॉस्केट में उपलब्ध करवाई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यही वजह है कि इस तरह की सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अलावा टीबी के रोगियों के संपर्क में आने वाले लोगों के ऊपर भी खासा ध्यान रखा जा रहा है। इससे अगर किसी में इस बीमारी के लक्षण आते हैं तो उसका तुरंत सैंपल लेकर जांच शुरू की जा रही है।

लाखों का बजट करवाया मुहैया
निक्षय मित्र योजना के तहत न्यूट्रीशियन से जुड़ी जो बॉस्केट मरीजों को उपलब्ध करवाई जा रही है उसकी खरीदारी के लिए एसजेवीएनल की ओर से बजट मुहैया करवाया है। यह पोषणयुक्त भोजन उन मरीजों को मुहैया करवाया जाता है जो जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App