पंजाब में आतंकी की गोलियां मारकर हत्या

By: Apr 5th, 2024 12:01 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — चंडीगढ़
नवांशहर में रोपड़ रोड पर बब्बर खालसा टाइगर फोर्स के मेंबर और हरियाणा तथा चंडीगढ़ में ब्लास्ट के आरोपी रतनदीप सिंह की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई है। बुधवार देर रात हुई इस वारदात के वक्त रतनदीप के साथ उसका भांजा भी मौजूद था। उसे कोई चोट नहीं आई है। इस वारदात की जिम्मेदारी नवांशहर के कुख्यात गैंगस्टर गोपी नवांशहरिया ने ली है। इसको लेकर गोपी ने एक पोस्ट भी डाली है। गोपी ने लिखा कि तुमने कई मांओं के बच्चे मरवाए और कइयों के साथ ठगी की। इसलिए तुम्हें नरक में भेज दिया है। अब तुम्हारे साथियों की बारी है। उन्हें कहो बच कर रहें। जब मिलेंगे, उन्हें भी नरक में भेजा जाएगा। पुलिस ने मामले में गोपी सहित अन्य शूटरों के खिलाफ हत्या, आम्र्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार, रतनदीप भांजे के साथ अपनी काले रंग की एमजी हेक्टर कार (एचआर-05-बीजे-4505) में करनाल से नवांशहर के बलाचौर किसी काम से आया था। इस बीच गांव गड़ी कानूनों के पास स्थित संत गुरमेल सिंह मेमोरियल अस्पताल के सामने दो बाइक सवारों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में रतनदीप के पेट और छाती में कई गोलियां लगीं, जबकि भांजे की बाल-बाल जान बच गई। रतनदीप सिंह का क्राइम सीन पर काफी खून बह गया था। जब उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, तो डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बता दें कि रतनदीप सिंह बब्बर खालसा टाइगर फोर्स का एक्टिव मेंबर था। किसी समय भारतीय एजेंसियों ने रतनदीप पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा था। पुलिस ने रतनदीप को साल 2014 में हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के वक्त वह अपने घर किसी काम से आया था। 2019 में रतनदीप जेल से बाहर आ गया, जिसके बाद वह अपने परिवार के साथ शांति की जिंदगी जी रहा था। रतनदीप सिंह ने 1999 में चंडीगढ़ के पासपोर्ट ऑफिस में ब्लास्ट किया था। पुलिस ने इस केस में रतनदीप को मुख्य आरोपी बनाया था, जिसके कुछ देर बाद ही रतनदीप और उसके साथियों ने हरियाणा के पानीपत में रेलवे ब्रिज को बम से उड़ा दिया था। इसमें जब पुलिस ने जांच की, तो रतनदीप की शमूलियत सामने आई थी।


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