गेपांग घाट झील: हर साल इतना बढ़ रहा आकार

By: Apr 24th, 2024 12:01 am

इसरो ने सेटेलाइट इमेज जारी कर किया आगाह, बदलते मौसम से तेजी से पिघल रहे हिमालय के ग्लेशियर बढ़ा रहे झीलों का साइज

एजेंसियां — बंगलुरु

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सेटेलाइट इमेज जारी कर दावा किया है कि हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। इसरो का दावा है कि हिमालय में पहचानी गई कई ग्लेशियल झीलों का आकार दोगुने से बढ़ा है। इसरो ने सेटेलाइट इमेज में हिमाचल प्रदेश में 4068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गेपांग घाट ग्लेशियल झील में 1989 से 2022 के बीच 36.49 हेक्टेयर से 101.30 हेक्टेयर का 178 प्रतिशत विस्तार दिखाया है। यानी हर साल झील के आकार में लगभग 1.96 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। इसरो ने कहा कि 1984 से 2023 तक हिमालय के भारत क्षेत्र में नदी घाटियों का कैचमेंट कवर करने वाली सेटेलाइट इमेजेज ने ग्लेशियल झीलों में आए परिवर्तन का संकेत दिया है।

इसमें बताया गया है कि 2431 झीलों में से 676 ग्लेशियल झीलों का 1984 से 2016-17 में 10 हेक्टेयर से ज्यादा विस्तार हुआ है। इसरो ने कहा कि 676 झीलों में से 601 झीलें दोगुना से ज्यादा बढ़ी हैं, जबकि 10 झीलें डेढ़ से दोगुना और 65 झीलें डेढ़ गुना बड़ी हो गई हैं। 676 झीलों में से 130 भारत में स्थित हैं, जिनमें 65 इंडस, सात गंगा और 58 ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं। 314 झीलें 4,000 से 5,000 मीटर की ऊंचाई पर हैं, जबकि 296 झीलें 5000 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर हैं। इसरो ने कहा कि हिमालय की जिन 676 झीलों का विस्तार हो रहा है, उनमें 307 मोरेन डैम्ड झील हैं।

601 झीलों का आकार दोगुने से ज्यादा बढ़ा

इसरो की रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्लेशियर पिघलने से हिमालय की 2431 झीलों में से 676 के आकार में 1984 से 2016-17 में 10 हेक्टेयर से ज्यादा विस्तार हुआ है। 676 झीलों में से 601 झीलें दोगुना से ज्यादा बढ़ी हैं, जबकि 10 झीलें डेढ़ से दोगुना और 65 झीलें डेढ़ गुना बड़ी हो गई हैं। 676 झीलों में से 130 भारत में स्थित हैं, जिनमें 65 इंडस, सात गंगा और 58 ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं। गौर करने वाली बात है कि उत्तर-पश्चिमी सिक्किम में 17,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित दक्षिण ल्होनक ग्लेशियर झील पिछले साल अक्तूबर में फट गई थी। इससे आई बाढ़ के कारण 40 लोगों की मौत हुई थी और 76 लोग लापता हो गए थे। हिमाचल भी कुछ साल पहले पराच्छू झील के फटने से ऐसे ही त्रासदी का सामना कर चुका है।


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