हुरला में बिठ के फूलों के लिए हुई खींचतान

By: Apr 17th, 2024 12:17 am

देवताओं ने पहाड़ों पर जाकर अर्जित की शक्तियां, देवता मार्कंडेय ऋषि के दरबार में माहौल देवमय

स्टाफ रिपोर्टर-भुंतर
जिला कुल्लू के हुरला में देवता मार्कंडेय ऋषि को समर्पित बिठ उत्सव धूमधाम और दैविक रीति रिवाजों के अनुसार मनाया। सैंकड़ों कारकूनों और हारियानों ने हुरला के साथ लगती पहाड़ी पर भारी बारिश के बीच कई घटों की पैदल यात्रा के बाद बुरांस के फूलों को एकत्रित कर बिठ को तैयार कर हुरला में देर शाम को पहुंचाया। इसके बाद बीठ के फूलों को पाने के लिए हुई खींचतान देखने लायक थी। घाटी के देवताओं ने इस दौरान हारियानों को आशिर्वाद दिया। इसके साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियां भी करवाई गई। श्रेष्ठ मास माने जाने वाले बैशाख में घाटी के देवता अपनी दैविक शक्तियों को अर्जित करने के लिए पहाड़ों पर अपने दैविक स्थलों पर जाते हैं और देवशक्तियों को अर्जित करते हैं। दैविक शक्तियों के जरिए देवता अपने हारियान क्षेत्र को एक साल तक ओलों और अतिवृष्टि के कहर से भी बचाते हैं। मकराहड़ में देव दरबार में सुबह हारियान देवाशीष लेने के लिए जुटे।

इसके बाद ढोल-नगाड़ों की थाप पर कारकून करीब दस किलोमीटर उंची पहाड़ी पर पहुंचे। यहां पर कारकूनों ने जोगनी पूजन की प्रक्रिया को पूरा किया। इसके बाद बुरांस के फूलों का देवता जिसे बिठ कहा जाता है, उसे तैयार किया। इसे कारकूनों द्वारा सिर पर उठाकर हुरला में देवता के मंदिर में पहुंचाया। हुरला में बिठ के पहुचने पर जोरदार स्वागत कारकूनों द्वारा किया गया। मंदिर में लाने के बाद बिठ के साथ देवताओं और देवलुओं ने अढ़ाई बार परिक्रमा की। इसके बाद दो गुटों में बंटे कारकूनों और हारियानों में बिठ के फूलों को प्राप्त करने के लिए खींचतान आरंभ हो गई। दोनों गुटों में इसके लिए कशमकश हुई और बुरांस के फूलों को देवता के शेष के तौर पर हारियानों ने एकत्रित किया। उक्त खींचतान दैविक उत्सव का आकर्षण की भी केंद्र रही।

फूल से पूरी होती हैं भक्तों की सभी मनोकामनाएं
बताया जाता है कि उक्त फूलों को जो भी प्राप्त करता है वह भाग्यशाली होता है और उसकी मनोकामना भी पूरी होती है। देवता के कारकूनों धनवीर सिंह, श्याम लाल, टहल सिंह राणा, तेजा सिंह पाल, चेतन पाल, पृथी पाल, राजेंद्र सिंह पाल, सुरजीत आदि ने बताया कि उक्त मेला हर साल घाटी में धूमधाम से मनाया जाता है और देवता अपनी शक्तियों को अर्जित करने पहाड़ों पर जाते हैं। वहीं, बिठ के समाप्त होने के बाद थरास में भी मेला आरंभ हो गया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App