फाइलों में सिमटा ऊना नगर निगम

By: Apr 21st, 2024 12:54 am

एक साल पूर्व 14 पंचायतों से एनओसी लेने के बाद नगर निगम बनाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं

सुधीर चौधरी-ऊना
ऊना में प्रस्तावित नगर निगम का मुददा ठंडे बस्ते में पड़ता दिखाई दे रहा है। एक वर्ष पहले प्रदेश सरकार ने शिमला व धर्मशाला की तर्ज पर ऊना नगर परिषद का विस्तार कर नगर निगम में तब्दील करने के लिए कदमताल शुरू की थी। सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने नगर परिषद ऊना के साथ सटी 14 ग्राम पंचायतों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर सरकार को आगामी कार्रवाई के लिए प्रेषित किया गया था। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की है। पंचायतों से एनओसी लेने के बाद सरकार ने अभी तक जिला प्रशासन को आगामी कार्रवाई के निर्देश तक जारी नहीं किए है। ऊना में नगर निगम के गठन से जहां क्षेत्र के लोगों को कई नई सुविधाओं का लाभ प्राप्त होगा तो कुछ लाभों से वंचित भी होना पड़ेगा।

वहीं मनरेगा जैसी सुविधा के लाभ से भी लोगों को दूर होना पड़ेगा। इसी के चलते कुछेक पंचायतों में विरोध के स्वर भी मुखर हुए थे। हालांकि उक्त पंचायतों ने प्रशासन को नगर निगम में मर्ज करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र तो दिए थे, लेकिन इसके लिए कुछ शर्त भी रखी थी। सरकार के निर्देशों के चलते जिला प्रशासन ने इस दिशा में उचित कदम उठाए थे। ऊना नगर परिषद में वर्तमान में 18 हजार के करीब जनसंख्या है। जबकि नगर निगम बनाने के लिए 40 हजार जनसंख्या की आवश्यकता होती है। इसी के चलते 40 हजार की न्यूनतम आबादी की शर्त को पूरा करने के लिए ऊना शहर के आसपास लगती 14 पंचायतों को मर्ज करने का निर्णय लिया था। -एचडीएम

सुविधाएं तो मिलेगी लेकिन मनरेगा से होना पड़ेगा

नगर निगम में शामिल होने से इन पंचायतों को जहां कई जन सुविधाएं मिलेगी, लेकिन उन्हें देश की सबसे बड़ी योजना मनरेगा से वंचित होना पड़ेगा। मौजूदा समय में इन नगर पंचायतों के लोगों को मनरेगा में 100 दिन का रोजगार मिल रहा है। जिससे कई लोगों का जीवन-यापन हो रहा है। नगर निगम में शामिल होने के बाद इन सब क्षेत्रों में मनरेगा योजना का लाभ लोगों को नहीं मिलेगा।

इन पंचायतों से ली गई एनओसी

नगर निगम ऊना में ऊना नगर परिषद के अलावा रैंसरी,झलेड़ा,लालसिंगी,रामपुर,कुठारकलां,कुठार खुर्द,अरन्याला लोअर,अरन्याला अप्पर,कोटला कलां लोअर,कोटला कलां अप्पर,अजनौली,कोटला खुर्द,मलाहत व जलग्रां टब्बा ग्राम पंचायतों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए गए हैं।

नगर निगम क्षेत्र में ये मिलेंगी सुविधाएं
नगर निगम में मर्ज होने के बाद 14 पंचायतों को विभिन्न सुविधाओं का लाभ मिलेगा। शहरी क्षेत्र में तब्दील होने पर इन पंचायतों में माकूल सफाई व्यवस्था का उचित प्रबंधन होगा। जिसका जिम्मा नगर निगम के हवाले रहेगा। इन क्षेत्रों को सीवरेज से जोड़ा जाएगा। कूड़ा-कचरा प्रबंधन, स्ट्रीट लाईटस व अन्य सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा।


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