विद्या धन सभी धनों में सर्वश्रेष्ठ : प्रो. सरोज शर्मा

By: Apr 1st, 2024 4:47 pm

दिल्ली। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ सोमवार 1 अप्रैल को हुआ। यह सेमिनार 3 अप्रैल तक चलेगा। इसमें देश-विदेश के अनेक विद्वान मुक्त विद्यालयी शिक्षा के अनेक पहलुओं पर विमर्श करेंगे। सेमिनार की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई। एनआईओएस की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा के औपचारिक स्वागत उद्बोधन के साथ ही सेमिनार का प्रारंभ हुआ।

प्रो. शर्मा ने सेमिनार की रूपरेखा और उसकी संकल्पना को विस्तार से रेखांकित किया और इसकी वर्तमान में प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। दूरस्थ और मुक्त शिक्षा के केंद्र में शिक्षार्थियों को बताते हुए प्रो. शर्मा ने विद्या धन को सर्वश्रेष्ठ बताया। यह अंतरराष्ट्रीय सेमिनार राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान और कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया (CEMCA) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ जो अगले तीन दिनों तक चलेगा। इस त्रिदिवसीय सेमीनार का विषय ‘मुक्त और दूरस्थ शिक्षा का परिदृश्य और नवाचार’ है।

सम्मेलन के दौरान कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया (CEMCA) के निदेशक डॉ. बशीरहमद शद्रच ने सेमिनार के विषय की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संदर्भों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने में मुक्त और दूरस्थ शिक्षा की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। आभासी माध्यम से परिचयात्मक भाषण प्रो. पीटर स्कॉट, कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग (सीओएल), कनाडा के अध्यक्ष और सीओएल, कनाडा में शिक्षा निदेशक डॉ टोनी मेज़ द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया। उन्होंने शैक्षिक विकास के लिए सहयोगी प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हुए मुक्त और दूरस्थ शिक्षा पहल की वैश्विक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

प्रो. नीलिमा गुप्ता, डॉ. हरिसिंह गौर सागर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति ने एक विशेष संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने दूरस्थ और वंचितों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों में अभिनव प्रयासों को लागू करने की बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।

तेजपुर विश्वविद्यालय, असम के कुलपति प्रोफेसर शंभू नाथ सिंह ने ओपन और डिस्टेंस लर्निंग में उभरते रुझानों और भविष्य की दिशाओं पर प्रकाश डालते हुए अपना उद्बोधन दिया। इसके बाद राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने अपने विशेष संबोधन में सभी के लिए समावेशी और सुलभ शिक्षा को बढ़ावा देने में आर्टिफिसिएल इंटेलिजेंस और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की भूमिका पर प्रकाश डाला।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. निर्मल सिंह कलसी, आईएएस (सेवानिवृत्त), राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के अध्यक्ष ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रयासों को रेखांकित करते हुए एनआईओएस की दूरस्थ और मुक्त विद्यालयी शिक्षा की प्रभावशीलता को सराहा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ और मुक्त विद्यालयी शिक्षा में डिजिटल संसाधनों के उपयोग ने इसकी प्रासंगिकता को सभी के लिए सुलभ और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की अवधारणा को पूर्ण किया है।
सम्मेलन में अगले दो दिनों तक भाग ले रहे देश-विदेश के शोधकर्ता और विद्वान तकनीकी सत्रों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।


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