पगार को तरसे वोकेशनल टीचर, जल्द मांगी राहत

By: Apr 7th, 2024 10:15 pm

तीन महीने से वेतन न मिलने से परेशान, सरकार से जल्द मांगी राहत

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

प्रदेश के स्कूलों में वोकेशनल ट्रेनर मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, जो वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश के सात सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है, उसमें शिक्षकों को जनवरी से मार्च तक का कोई वेतन प्राप्त नहीं हुआ है। इस बारे में शिक्षकों की ओर से व्यावसायिक शिक्षक संघ के माध्यम से अधिकारियों व कर्मचारियों से बात की गई है, लेकिन अभी तक वोकेशनल ट्रेनरों को वेतन नहीं दिया गया है। इन शिक्षकों का कहना है कि वोकेशनल ट्रेनर्स को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन शिक्षकों का कहना है कि वोकेशनल को-ऑर्डिनेटर मीडिया एंड एंटरटेनमेंट द्वारा यह जानकारी दी गई कि कंपनी का कुछ कानूनी मामला फंसा हुआ है। इसके कारण अभी तक वेतन नहीं दिया गया है। ऐसे में व्यावसायिक शिक्षकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गौर रहे कि प्रदेश के स्कूलों में अढ़ाई लाख विद्यार्थी 18 विभिन्न विषयों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन शिक्षकों की नियुक्ति 22 कंपनियों के अधीन की गई है।

ये शिक्षक हरियाणा की तर्ज पर स्थायी नीति बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। हरियाणा में सभी आउटसोर्स पर तैनात वोकेशनल शिक्षकों को भी निगम में मर्ज किया गया है। इसके साथ ही इस राज्य में शिक्षकों का वेतन 30500 फिक्स किया गया है और साथ ही वेतन में हर साल पांच फीसदी बढ़ोतरी की जाएगी। इसी तर्ज पर अब हिमाचल में भी कोई स्थायी नीति बनाने की मांग इन वोकेशनल शिक्षकों ने की है।

तकनीकी सहायकों को दो महीने से नहीं मिला वेतन

यूनियन ने कहा, परिवार का गुजर-बसर करने में हो रही परेशानी

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नाहन

हिमाचल जैसे कठिन भौगोलिक स्थिति वाले राज्य में केंद्र व प्रदे सरकार की योजनाओं को दूरदराज के आम नागरिकों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले सभी विकास खंडों में तैनात तकनीकी सहायकों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। हालत यह है कि तकनीकी सहायकों को जहां अपने परिवार का गुजर बसर करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल के सभी विकास खंडों में करीब 1103 पंचायत तकनीकी सहायकों को सरकार के साथ-साथ विभाग की अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है। प्रत्येक जिला के अधिकांश विकास खंडों में तकनीकी सहायकों को दो अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। कुछ तकनीकी सहायकों का वेतन जहां मनरेगा के तहत दिया जाता है, तो कुछ का वेतन जिला परिषद के माध्यम से दिया जा रहा है। सिरमौर तकनीकी यूनियन के प्रधान सत्यपाल, उपाध्यक्ष आशीष थापा, महासचिव तपेंद्रा देवी आदि ने बताया कि सिरमौर में भी 64 तकनीकी सहायक दो माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं।


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