सोलन शहर में सुविधाओं के गिरते ग्राफ का कौन जिम्मेदार, अब देना होगा जवाब

By: Apr 9th, 2024 12:18 am

डेढ़ दशक से तेजी से थमी विकास की रफ्तार; पार्किंग ट्रैफिक, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं से लोगों को होना पड़ रहा दो-चार

स्टाफ रिपोर्टर-सोलन
सोलन शहर जिला मुख्यालय होने के बाद भी पिछले कई दशक से कई आवश्यक सुविधाओं से वंचित है। पार्किंग समस्या, ट्रैफिक, स्वास्थ्य सुविधाएं और पेयजल सहित ऐसी विभिन्न समस्याएं हैं, जिनसे लोगों को प्रतिदिन दो-चार होना पड़ता है। सरकारें आईं और सरकारें गईं, लेकिन कोई भी शहर की इन समस्याओं को दूर नहीं कर पाया है। आलम यह है कि दिन-प्रतिदिन इन समस्याओं से परेशान लोगों का अपने जनप्रतिनिधियों के प्रति मोह भंग होना आरंभ हो गया है। पिछले डेढ़ दशक में तेजी से विकसित हुए सोलन शहर में समस्याओं का ग्राफ भी काफी बढ़ा है। वैसे तो शहर में समस्याएं काफी हैं, लेकिन कुछ समस्याएं सीधे लोगों से जुड़ी हुई हैं। शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक व्यवस्था है। शहर के मुख्य बाजारों में अधिकतर समय जाम की स्थिति बनी रहती है, जिसका मुख्य कारण सिरमौर जिला के राजगढ़ और अन्य क्षेत्रों और शिमला जिला के कुछ भागों को जाने वाले छोटे और बड़े वाहन हैं।

शामती बाइपास बन जाने के बाद भी अधिकतर वाहन शहर के बीचोंबीच से ही होकर गुजरते हंै। शहर की दूसरी सबसे बड़ी समस्या पार्किंग है। पिछले डेढ़ दशक मेें शहर में गाडिय़ों की संख्या में करीब पांच गुना वृद्धि हुई है लेकिन इस अनुपात में पार्किंग की सुविधा नहीं बढ़ पाई है। जिला मुख्यालय होने के कारण प्रतिदिन हजारों लोग अपने कार्यों के लिए सोलन पहुंचते हैं लेकिन यहां पहुंचते ही उन्हें अपनी कार को पार्क करने में दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। पर्याप्त पार्किंग सुविधा न होने के चलते कई लोग सडक़ किनारे ही अपने वाहन पार्क करते हैं, जिससे उन्हें हमेशा चालान होने अंदेशा भी बना रहता है। शहर के पुराने बस स्टैंड पर बनने वाली पार्किंग की योजना ठंडे बस्ते में पड़ी है। स्थानीय विधायक ने इस पार्किंग को बनाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन वे सिरे नहीं चढ़ पाए। इसके अलावा क्षेत्रीय अस्पताल सोलन की मूलभूत सुविधाओं को पूरा कर पाने में भी जनप्रतिनिधि नाकाम रहे हैं और अभी भी यहां तीन जिलों से आने वाले रोगियों और उनके तीमारदारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं शहर की सबसे प्रमुख समस्या पेयजल भी है। शहर में पेयजल सप्लाई का जिम्मा नगर निगम के पास है, लेकिन उसे पानी मुहैया करवाना जल शक्ति विभाग के अधीन है। शहर में पानी की किल्लत रहती है और निगम व विभाग एक दूसरे पर बात डाल देते हैं। निगम जहां पर्याप्त पानी न मिलने की बात करता है तो दूसरी ओर विभाग निगम की पेयजल पाइप लाइनों की लीकेज होने का हवाला देता है, हालांकि इस आपसी छींटाकशी का खामियाजा सोलनवासियों को भुगतना पड़ता है।

पिछली सरकार ने विकास के लिए नहीं उठाया कोई कदम
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिव कुमार ने बताया कि पिछली भाजपा सरकार ने सोलन के विकास के लिए कोई भी अहम कदम नहीं उठाया है। हालांकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सोलन के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र से मदद न मिलने और प्रदेश में आई भारी आपदा के बावजूद भी सुक्खू सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है। वहीं, लोकसभा चुनावों के बाद प्रदेश सहित सोलन के विकास में तेजी लाई जाएगी और समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।

सदर के विधायक समस्याओं से निपटने में रहे असफल
रतन सिंह पाल, अध्यक्ष जिला, भाजपा ने बताया कि स्वाभाविक है कि विकास का ग्राफ गिर रहा है, जिसका कारण स्थानीय विधायक और मंत्री सार्थक राजनेता की भूमिका निभाने में कामयाब नहीं हुए हैं। यदि उन्होंने सोलन का प्रतिनिधित्व सही तरीके से किया होता है तो अभी भी सोलन में समस्याओं का अंबार नहीं होता। भाजपा सरकारों ने शहर में गिरि पेयजल योजना, शामती बाइपास, सब्जी मंडी का नवीनीकरण, सेब मंडी, बस स्टैंड सहित नगर निगम के तोहफे दिए हैं।


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