सुख-शांति और खुशी ढूंढने से नहीं मिलती, महसूस की जाती है

By: May 6th, 2024 12:17 am

नाहन में स्पिरिचुअल गाइड बीके शिवानी ने की सकारात्कम ऊर्जा और हैप्पीनेस की बारिश

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-नाहन
सिरमौर जिला के लोगों के लिए रविवार की सुबह सकारात्मक विचारों व हैप्पीनेस के साथ आई। सिरमौर जिला के नाहन स्थित जिला युवा सेवा एवं खेल विभाग के चंबा ग्राउंड मैदान में इंटरनेशनल स्पिरिचुअल मोटिवेशनल स्पीकर ब्रह्मकुमारी शिवानी बहन ने सूरज की किरणों के साथ हजारों लोगों को हैप्पीनेस अनलिमिटेड विषय पर अपना संबोधन किया गया। बीके शिवानी द्वारा द्वीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा, एसडीएम नाहन सलीम आजम के अलावा श्री सत्य साईं सेवा समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अमर सिंह, ब्रह्मकुमारी मेडिटेशन सेंटर नाहन की रमा बहन के अलावा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इस अवसर पर इंटरनेशनल स्पिरिचुअल गाइड व मेंटोर बीके शिवानी बहन ने ओम शांत के साथ शुभारंभ करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि मैं एक आत्मा हूं, लेकिन सारे दिन कार्य व्यवहार में रहते हुए हम भूल जाते हैं कि मैं एक आत्मा हूं। इसलिए हम इन कमेंद्रियों के द्वारा सुख, खुशी ढूंढने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि सुख, खुशी, शांति ढूंढने की नहीं है इसे महसूस किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें लगा सुख और खुशी इनको चाहिए तो हमने कहा कुछ देखेंगे तो अच्छा लगेगा, कुछ कहेंगे तो अच्छा लगेगा, कुछ सुनेंगे तो अच्छा लगेगा यानी मन उदास है तो हम कमेंद्रियों द्वारा कुछ कर लेंगे तो अच्छा लगेगा। ऐसा करना गलत भी नहीं है लेकिन ध्यान रखना था कि यह चीज कुछ समय के लिए हमारे मन को उस चिंता से उस परेशानी से दुख से हटाती है लेकिन उस घाव को ठीक नहीं करती। उन्होंने कहा कि राजयोग हमें क्या सिखाता है कि सारे दिन में पहले अपने मन का ध्यान रखो, मन का ध्यान रखोगे तो चोट लगने का चांस नहीं होगा। मन के हर संकल्प में कदम कैसे रखना है यदि यह सीख लिया तो चोट लगने की संभावनाएं कम रहती हैं। बीके शिवानी ने अपने संबोधन में कहा कि हम दूसरों का मूढ़ ठीक करने की बात तो करते हैं परंतु क्या हमने कभी अपने मूढ़ को ठीक किया है।

मुझे जो दिखाई देगा वो मेरे संस्कारों से होगा। हम दोनों के संस्कार अलग-अलग हैं। हमें दुख देने वाले हम स्वयं हैं। उन्होंने कहा कि हमें अच्छा सोचना व सीखना चाहिए। यदि कोई हमें किसी चोट पर आकर बातों को छोडऩे के लिए कहते हैं लेकिन बातों को छोडऩा नहीं थोड़ा उन पर रूक कर चोट पर मरहम लगाना है। उन्होंने कहा कि मुझे दुख देने वाला कौन है मैं खुद हूं मुझे चोट पहुंचाने वाला भी मैं खुद हूं तो मुझे ठीक करने वाला भी मैं खुद हूं। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ब्रह्मकुमारी शिवानी बहन ने उपस्थित सभी लोगों को मेडिटेशन कर गहन शांति की अनुभूति करवाई। कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व नन्ही बालिका सोनारिका ने स्वागत नृत्य द्वारा बीके शिवानी व उपस्थित लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर बीके मंजू दीदी देहरादून, बीके मीना दीदी हरिद्वार, उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा, एसडीएम नाहन सलीम आजम, गायत्री मंदिर रेणुकाजी से पहुंचे हिमाचल प्रांत के महामंडलेश्वर स्वामी दयानंद भारती, आनंदपुर ट्रस्ट से बाईजी, साईं समिति से प्रो. अमर सिंह चौहान समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।


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