ऊना क्षेत्र में पांच दिनों में 15 अग्निकांड, फसलें-तूड़ी जलने से लाखों का नुकसान

By: May 6th, 2024 12:13 am

भयंकर गर्मी के बीच छोटी सी गलती बन रही आगजनी का कारण, कंबाइन से गेहूं कटाई के उपरांत खेतों में शेष पशुचारे में लगा रहे आग

स्टाफ रिपोर्टर-ऊना
ऊना क्षेत्र के तहत बीते 5 दिनों में 15 से अधिक अग्निकांड घटित हो चुके हैं। अगर जिला ऊना की बात करें तो आंकड़ा 30 से 40 तक पहुंच सकता है। जिसका कारण गेहूं की फसल की मशीनों से कटाई के बाद शेष पशुचारे में आग लगना है। लोग खेतों की सफाई के लिए आग लगाकर इधर-उधर या अपने घरों को चले जाते हैं, लेकिन पीछे से भयंकर रूप से फैली आग आसपास के किसानों की खेतों में खड़ी गेहूं की फसल चपेट में आ रही है। जिससे किसानों को हजारों-लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है। कई किसानों की कटाई के बाद खेतों में रखी तूड़ी भी आग की भेंट चढ़ गई। परंतु इसके बाद भी लोग खेतों में आग लगाना बंद नहीं कर रहे हैं।

ऐसा ही मामला सदर ऊना के तहत मलूकपुर में देखने को मिला। जहां खेतों में आग नंबरदार बलविंदर सिंह के खेतों तक पहुंच गई। वहां पर तूड़ी के ढेर लगे हुए थे। सभी तूड़ी के ढेर आग की चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों ने बड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया। नंबरदार बलविंदर सिंह ने अपनी सूझबूझ से काम लेकर सभी तुड़ी के ढेरों के चारों तरफ ट्रैक्टर से बहाई कर दी। जिस कारण लाखों का नुकसान होने से बच गया। फिर भी गांव के हरजाप सिंह का खेतों में पड़ा हुआ घास जलकर राख हो गया। नंबरदार बलविंदर सिंह का भी लगभग 10 से 15 क्विंटल तूड़ी का नुकसान हो गया। घटना के दौरान मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग को आगे बढऩे से रोक लिया और दूसरे खेतों में मशीन से कटाई के बाद तूड़ी बनाने के लिए रखा पशुचारे को बचा लिया गया। बता दें कि अग्निशमन केंद्र ऊना के तहत शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों, औद्योगिक क्षेत्रों व आवासीय स्थानों पर इस वर्ष जनवरी माह से अब तक 60 स्थानों पर आग लगी है। जहां से लाखों का नुकसान हुआ है। जनवरी में 8, फरवरी में 11, मार्च 12, अप्रैल 14 और मई के 5 दिनों में 15 स्थानों पर घटनाएं सामने आई हैं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले में इस वर्ष ज्यादा है। बीते वर्ष जनवरी में 7, फरवरी में 15, मार्च में 6 और अपै्रल में 10 थी तथा मई माह में 35 थी।


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