जातिसूचक टिप्पणी पब्लिक के सामने हो, तभी बनेगा केस

By: May 26th, 2024 11:29 pm

एससी-एसटी एक्ट से जुड़े केस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

दिल्ली हाई कोर्ट के एफआईआर दर्ज करने का आदेश खारिज

दिवय हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

एससी-एसटी एक्ट से जुड़े एक केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा कि जातिसूचक टिप्पणी जब पब्लिक के सामने होगी, तभी एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला बनेगा। इससे जुड़ा एक केस सबसे पहले लोउर कोर्ट में पहुंचा था, वहां से अर्जी खारिज कर दी गई थी। फिर केस हाई कोर्ट में पहुंचा, तो एफआईआर के आदेश जारी कर दिए गए। इसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए यह फैसला दिया।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमएम सुंदरेश की अगवाई वाली बैंच ने कहा कि अगर मामले में आरोप स्पष्ट नहीं है और अपराध के लिए जो फैक्ट होने चाहिए, उस बारे में डिटेल नहीं है, तो ऐसे मामले में केस दर्ज कर छानबीन का आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट की धारा-3 कहती है कि जानबूझकर विक्टिम को जाति के आधार पर अपमानित किया गया है और यह पब्लिक के सामने हुआ हो, जबकि जो केस अभी सामने आया है, उसमें पब्लिक के सामने टिप्पणी नहीं हुई है। ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट के एफआईआर दर्ज करने के आदेश को खारिज किया जाता है।


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