विशेष

विधानसभा में कांग्रेस-लोकसभा में भाजपा का पलड़ा भारी

By: May 1st, 2024 12:08 am

सोलन में साल 2014 और 2019 के चुनाव में बुरी तरह हारी कांग्रेस, विधानसभा चुनाव में ले लिया बदला

मुकेश कुमार-सोलन

सोलन में बीते दो विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी जहां मामूली अंतर से जीत रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा का संगठन व मतदाताओं की सोच चुनावी रुख को पलट देती है। इसे प्रधानमंत्री का मोदी मैजिक कहें या कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं की लोकसभा चुनावों के प्रति ढीली एप्रोच, बीते वर्ष 2014 व वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस आंकड़ों के रूझान में बुरी तरह पिटी है। सोलन विधानसभा के चुनाव में भाजपा को हार का दंश झेलना पड़ता है तथा लोकसभा के चुनावों में कमोबेश यही हालत कांग्रेस की हो जाती है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के परिदृश्य पर नज़र दौड़ाएं तो सोलन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी डा. धनीराम शांडिल को 26 हजार 200 मत प्राप्त हुए तथा उनके दामाद भाजपा प्रत्याशी डा. राजेश कश्यप को 25 हजार 529 मत मिले। इस तरह कांग्रेस का मात्र 293 मतों से पलड़ा भारी रहा। किंतु लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा प्रत्याशी को इस निर्वाचन क्षेत्र में 26 हजार 528 मत मिले थे तथा कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में 21 हजार 156 मत गए थे। इस तरह कुल पांच हजार 372 मतों का अंतर भाजपा के पक्ष में था।

इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को यहां से अप्रत्याशित लीड मिली तथा जीत के फासले का आंकड़ा तीन गुणा तक बढ़ गया। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 37 हजार 51 मत मिले तथा कांग्रेस के प्रत्याशी को 20 हजार 863 मतों से ही संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का पलड़ा सोलन में फिर भारी हो गया तथा कांग्रेस को 30089 व भाजपा 26231 मत प्राप्त हुए। कुल मिलाकर यह अंतर 3858 वोट का रहा। सोलन निर्वाचन क्षेत्र में बीते दो चुनावों में विधानसभा में कांग्रेस व भाजपा में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहने के उपरांत भी जहां कांटे की टक्कर रहती है वहीं लोकसभा चुनावों में यह मुकाबला एक तरफा हो जाता है। -एचडीएम

कांग्रेस के कई कार्यकर्ता आज भी नाराज़

शिमला संसदीय सीट पर कांग्रेस की ओर से टिकट वितरण में हुई देरी के कारण भी पार्टी का प्रचार अभी तक लय में नहीं आ पा रहा है। सोलन में कांग्रेस के दिग्गज नेता व कई बड़े पदाधिकारी अभी भी एक्टिव मोड में नहीं आए हैं। चर्चा के अनुसार कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा अभी भी नाराज़ होकर अपने-अपने कमरों से बाहर नहीं निकल पा रहा है। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर कांग्रेस के प्रत्याशी युवा तुर्क विनोद सुल्तानपुरी टिकट मिलने के बाद अब सिरमौर जिले में पसीना बहा रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप प्रचार के आरंभिक चरण में 17 में से 10 विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के बीच जाकर अब पन्ना प्रमुख सम्मेलनों में अपना लक्ष्य तय कर रहे हैं।


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