सडक़ों पर गोवंश, नाम की योजनाएं
बेजुबानों के प्रति नहीं पसीज रहा दिल, रोड पर आने से हादसों में भी इजाफा
स्टाफ रिपोर्टर-मंडी
हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त हुआ है। लेकिन गोमाता बेसहारा बनकर सडक़ों में अपने माता होने के दर्जे पर आंसू बहा रही है। कई सरकारें व संस्थाएं गोसेवक बनी बैठी है और गोवंश के नाम पर लाखों की ठगी हो रही है। लेकिन इस ठगी का लेश मात्र हिस्सा भी गोसेवा में नहीं लगाया जा रहा है। वहीं पशुपालकों द्वारा भी गोवंशों से अपने हितों की पुर्ति की जाती है और जब गाय दूध देना बंद कर देती है या फिर बैल हल जातने में असमर्थ होते हैं तो उन्हें जंगलों यह फिर अन्य स्थानों में छोड़ दिया जाता है। इससे मानव जाति कु्ररता भी साफ नजर आती है। कई स्थानों पर गौ सदन बनाए गए हैं, जहां छोड़े गए गौवंश को देखरेख के लिए ले जाया ताजा है। परंतु सिमित संसाधनों के क ारण यहां अधिक गायों को नहीं रखा जा रहा है। सडक़ों पर गौवंश दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
बेसहारा गोवंशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं बढ़ती हुई तादात लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बनती जा रही है। सडक़ों पर घूम रहे बेसहारा गोवंशों के कारण वाहन चालकों व राहगीरों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह गंभीर समस्या प्रदेश भर के फोरलेन, राष्ट्रीय उच्च मार्ग व अन्य मार्गों पर दिखाई देती है। वहीं आक्र ोश में आकर यह गोवंश कई लोगों को अपना शिकार भी बना चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बेसहारा गोवशों की संख्या में बढ़ौतरी दर्ज हुई। सडक़ों पर बैठे यह बेसहारा गोवंश हादसों का भी कारण बन रहे हैं। रात के समय सडक़ पर बैठे यह बेसहारा गोवंश वाहन चालकों को नजर नहीं आते हैं। जिस कारण कई लोग हादसों की चपेट में आकर अपनी जान तक गवा चुके हैं तथा कई लोग लाचार होकर बिस्तर में पड़े हुए हैं। प्रशासन को चाहिए की इन बेजुबानों को गोशाला भिजवाया जाए तथा उनके गले में रेडियम के पट्टे डाले जाएं ताकि हादसों से कुछ हद तक बचा जा सके।
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