भूमि चयन तक सिमटे डे-बोर्डिंग स्कूल

By: May 3rd, 2024 12:10 am

ऊना जिला में डेढ़ वर्ष से पांच डे बोर्डिंग स्कूलों का नहीं शुरू हो पाया काम

नगर संवाददाता-ऊना
जिला ऊना के पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित डे-बोर्डिंग स्कूल भूमि चयन प्रक्रिया तक सिमित होकर रह गए। डेढ़ वर्ष में सरकार व शिक्षा विभाग डे-बोर्डिंग स्कूलों को धरातल पर उतारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए। हालांकि विभाग द्वारा पांचों विधानसभा क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए 100-100 कनाल भूमि चयनित कर ली है, लेकिन भूमि चयन के बाद आगे प्रक्रिया नहीं बढ़ पाई। सरकार द्वारा गगरेट विस क्षेत्र के तहत संघनई व हरोली विस क्षेत्र के बढेड़ा में बनने वाले डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है, जोकि लोक निर्माण विभाग के खाते में आ गई है। लोक निर्माण विभाग भी राशि मिलने के बाद आगामी कार्रवाई शुरु नहीं कर पाया है। सरकार व संबंधित विभागों की ढिलमुल कार्रवाई को देखते हुए अभी क्षेत्र के बच्चों को डे-बोर्डिंग स्कूलों में मिलने वाली बेहतर शिक्षा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। प्रदेश सरकार ने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करवाने के लिए सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया था। इसके लिए सरकार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को इस दिशा में कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे। सरकार के निर्देशानुसार विभागीय अधिकारी डे-बोर्डिंग स्कूलों को धरातल पर उतारने में जुट गए थे।

इसके लिए ऊना विस क्षेत्र जनकौर, गगरेट क्षेत्र के संघनई, अंब क्षेत्र के लड़ोली व कुटलैहड़ क्षेत्र के बंगाणा में डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए करीब 100-100 कनाल भूमि चयनित की गई थी। जबकि हरोली विस क्षेत्र के तहत बढेड़ा में डे बोर्डिंग स्कूल के लिए 100 कनाल भूमि चयनित की गई थी, लेकिन निरीक्षण के दौरान उच्चाधिकारियों द्वारा इस साइट को रिजेक्ट कर दिया है। अधिकारियों की निरीक्षण टीम ने बढेड़ा की जगह अन्य स्थान पर डे-बोर्डिंग स्कूल के लिए भूमि देखने की बात कहीं थी, लेकिन अभी तक अन्य जगह पर भूमि चयनित नहीं की जा सकी है। जिला ऊना के पांच विधानसभा क्षेत्रों में बनने वाले डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। डे-बोर्डिंग स्कूलोंं में बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेगी। स्कूलों में मैस सुविधा भी रहेगी। वहीं बच्चों के खेलने के लिए भव्य व बड़ा खेल मैदान होगा। स्कूली बच्चों को निजी स्कूलों की तर्ज पर यातायात सुविधा देने के लिए भी सरकारी प्रयास रहेगा। डे-बोर्डिंग स्कूल खुलने से क्षेत्र के बच्चों को बड़े-बड़े महानगरों की तर्ज पर बेहतर शिक्षा मिलेगी। स्कूलों का सबसे ज्यादा लाभ कामकाजी लोगों को होगा। प्रदेश में मौजूदा में स्कूलों की व्यवस्था नहीं है। जिला ऊना के पांच विधानसभा क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूल खुलेंगे। सरकार द्वारा हरोली व गगरेट में खुलने जा रहे डे बोर्डिंग स्कूलों के लिए डेढ-डेढ करोड़ रुपए की राशि प्रदेश सरकार ने मंजूर की है। इन स्कूलों का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। आचार सहिंता हटने के बाद स्कूलों का शिलान्यास किए जा सकते है।

राजिंद्र कौशल, डिप्टी डायरेक्टर हायर एजुकेशन ऊना
हरोली विस क्षेत्र के बढेड़ा व ऊना के जनकौर गांव में डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के लिए भूमि चयनित की गई थी। विभागीय निरीक्षण टीम द्वारा बढेड़ा में चयनित भूमि को रिजेक्ट कर दिया है। अब नई जगह भूमि का चयन किया जाएगा।
ई. बलदेच चंद, अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण विभाग ऊना


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