जानबूझ कर लटकाया डीए और एरियर

By: May 6th, 2024 12:17 am

विद्युत पेंशनर संघ ने स्थापना दिवस पर बोर्ड प्रबंधन और सरकार को खूब खरी-खरी सुनाई

स्टाफ रिपोर्टर-सोलन
हिमाचल प्रदेश विद्युत परिषद पेंशनर्स कल्याण संघ ने विद्युत बोर्ड प्रबंधन की कथित सुस्त कार्यप्रणाली पर गहरी चिंता व्यक्त की है। रविवार को सोलन के एक होटल में आयोजित संघ के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर सभी पेंशनर्स ने एक स्वर में बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए कहा कि प्रबंधन की ओर से अपने पेंशनरों की समस्याओं और मांगों को लेकर कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। स्थापना दिवस समारोह में हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड के पूर्व सदस्य(टेक्निकल) ई. एसएस गुप्ता ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ई. डीके शर्मा ने की।

इस अवसर पर विभिन्न जिला इकाइयों के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। समारोह के दौरान राज्य कार्यकारिणी के महासचिव पीएल गुप्ता ने विद्युत बोर्ड प्रबंधन की सुस्त कार्यप्रणाली पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संघ का मुख्य उद्देश्य पेंशनरों की समस्याओं का निराकरण करवाना है, जिसमें फैमिली पेंशनरों को प्राथमिकता दी जाती है। संघ प्रदेश सरकार के पेेंशनरों की समस्याओं को लेकर प्रयत्नशील रहता है और हाल ही में पेंशनरों के लंबित मुद्दे नोशनल फिक्सेशन को भी संघ के प्रयासों के बाद प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किए थे। संघ ने इस बाबत सेंट्रल कमीशन को भी लिखा और अपने सुझाव और आपत्तियां उन्हें भेजी थी, जिसे सेंट्रल कमीशन ने स्वीकारा। लेकिन खेद का विषय है कि विद्युत बोर्ड प्रबंधन अपने पेंशनरों के प्रति लगातार उदासीन रवैया अपनाए हुए है। यदि कोई समस्या या सुझाव बोर्ड प्रबंधन को दिया जाता है तो उस समस्या या सुझाव को लेकर बोर्ड की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जाता है न ही उसे सुलझाया जाता है। इस दौरान प्रदेश कार्यकारिणी के चुनाव किए गए, जिसमें सर्वसम्मति से एसके सोनी को प्रधान, पीएल गुप्ता को महासचिव और डीएस डढवालिया को वरिष्ठ उपप्रधान चुना गया।

लंबे समय से रुका मेडिकल बिलों का भुगतान
राज्य कार्यकारिणी के महासचिव पीएल गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पेंशनरों को संशोधित वेतनमानों के एरियर का क्रमश: 35, 20, 18 और 15 प्रतिशत आयु वर्ग के अनुपात से और पहली अप्रैल से चार प्रतिशत महंगाई भत्ते के आदेश किए और सरकार के पेंशनरों के खातों में यह राशि मार्च माह में आ भी गई और अप्रैल माह की पेंशन में बढ़ा महंगाई भत्ता लग कर उन्हें भुगतान हुआ। जबकि विद्युत-प्रबंधन को पता था की शीघ्र ही चुनावों की घोषणा होने वाली है और आचार संहिता लगने वाली है इस प्रकार जानबूझ कर देरी की गई फलस्वरूप एरियर और महंगाई भत्ते के आदेश लटक गए। कुछ पेंशनरों की नोशनल फिक्सेशन विद्युत प्रबंधन ने की भी, लेकिन वह भी गलत फैक्टर वाले पे-मैट्रिक्स के आधार पर जोकि अभी तक वैसे ही लटकी पड़ी है और उसे ठीक नहीं किया गया है। गुप्ता ने कहा कि पेंशनरों के मेडिकल बिलों का भुगतान भी लंबे समय से रुका है। जिंदगी के इस पड़ाव पर आकर भयंकर बीमारियों से ग्रस्त पेंशनर कैसे महंगी दवाईयां बाजार से खरीदे। उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी के महासचिव प्रबंधन के अधिकारी मेंबर (फाइनेंस) से पेंशनरों के एरियर भुगतान की प्रगति को लेकर मिले और उन्हें अवगत कराया की पेंशनरों में एरियर न मिलने को लेकर बहुत रोष व्याप्त है। लेकिन उन्होंने इस विषय पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जबकि प्रदेश के उच्च न्यायालय द्वारा एरियर के भुगतान को लेकर छह प्रतिशत ब्याज सहित अदा करने का निर्णय दिया है।


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