शिकवे मिटे, पंडित राम लुभाया ने दिया राकेश कालिया को आशीर्वाद

By: May 8th, 2024 12:11 am

गगरेट में वयोवृद्ध कांग्रेस नेता से मुलाकात बनी चर्चा का विषय, उपचुनाव में बिगड़ते-बनते समीकरण दे रही सियासी रंगों की गवाही

अजय ठाकुर -गगरेट
राजनीति में कोई स्थाई शत्रु नहीं तो कोई स्थाई मित्र नहीं होता। विधानसभा क्षेत्र गगरेट में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में बनते-बिगड़ते समीकरण इसकी गवाही भरते नजर आ रहे हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राकेश कालिया के मैदान में आने के बाद कभी राकेश कालिया के साथ छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले और टिकट आवंटन से पहले उनका धुर विरोध करने वाले भी धीरे-धीरे राकेश कालिया की सरपरस्ती को कबूल करते प्रतीत हो रहे हैं। इसी कड़ी में अब नया नाम वयोवृद्ध कांग्रेस नेता पंडित राम लुभाया का जुड़ा है। उपचुनाव में पंडित राम लुभाया का साथ मांगने गए कांग्रेस प्रत्याशी राकेश कालिया का न सिर्फ पंडित राम लुभाया ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया बल्कि शाल व टोपी पहनाकर उन्हें सम्मानित भी किया। दरअसल कांग्रेस के एक खेमे के राकेश कालिया के साथ दूरियों के बीज वर्ष 2012 में ही बोए गए थे। उस समय विधानसभा क्षेत्र गगरेट के अनारक्षित श्रेणी में आते ही कुछ स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने स्थानीय व्यक्ति को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने का झंडा बुलंद कर डाला। उस समय भी अ_ाइस के करीब कांग्रेस नेता एक बैनर तले जुटे और कांग्रेस टिकट के लिए आवाज बुलंद कर दी थी। उस समय भी राकेश कालिया कांग्रेस टिकट पाने में कामयाब रहे लेकिन एकता मंच के बैनर तले एकत्रित हुए नेताओं की दूरियां इस कद्र बढ़ीं कि कोई भी राकेश कालिया के समर्थन में नहीं उतरा।

इसके विपरीत रमन जसवाल के रूप में आजाद उम्मीदवार मैदान में उतार दिया गया। बेशक उस चुनाव में राकेश कालिया जीत दर्ज करने में कामयाब हो गए लेकिन दूरियों की खाई भरी नहीं जा सकी। अब करीब बारह साल बाद वचित्र संयोग बना है कि प्रदेश में पहली बार दलबदल कानून के लागू होने से छह विधानसभा सीटें खाली हुई हैं और इन पर उपचुनाव हो रहे हैं। बेशक इस बार भी धरतीपुत्र का नारा बुलंद हुआ लेकिन फिर एक बार राकेश कालिया कांग्रेस टिकट हासिल करने में कामयाब रहे। इस बार हैरान करने वाली बात यह हुई कि धरतीपुत्र का नारा बुलंद करने वाले आजाद प्रत्याशी उतारने से परहेज करते नजर आए तो सभी संभावित प्रत्याशी भी शीदे राकेश कालिया के पाले में खड़े हो गए। राकेश कालिया के धुर विरोधी माने जाने वाले पंडित राम लुभाया ने भी इस बार पुराने गिले शिकवे मिटाते हुए राकेश कालिया को ही आर्शीवाद देते हुए उन्हें अपना नेता स्वीकार कर लिया है। बकौल राकेश कालिया कांग्रेस एक परिवार है और परिवार में सभी एक हैं। उन्होंने कहा कि सभी को साथ लेकर इस बार गगरेट का किला भारी मतों के साथ विजय किया जाएगा।


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