Himachal Election: नेताओं की कौन सी बात जनता को नहीं आई रास, जानिए इस रिपोर्ट में
चुनाव चाहे लोकसभा के हो या राज्यसभा के चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं की भाषा बड़ी मायने रखती है. लेकिन आज बड़ा सवाल ये हैं कि क्या नेता उस भाषा की गरिमा को बनाए रखने में कामयाब हो पा रहे हैं या नहीं,, हाल ही में विवादित बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने भी BJP प्रेसिडेंट JP नड्डा और कांग्रेस प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे को नोटिस जारी किया है. दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को लिखे एक औपचारिक नोट में चुनाव आयोग ने कहा कि उनके स्टार प्रचारक अपने भाषणों को लेकर सावधानी बरतें और मर्यादा बनाए रखें. वहीं बात हिमाचल की मंडी संसदीय क्षेत्र की करें
ऋषि मुनियों की धरती मंडी की इस वक्त मंडी तप रही है..मौसमी पारा भी चढ़ रहा है और सियासी तपिश भी बढ़ रही है. दो मुख्यों दलों के दो युवा नेता मैदान में जनता का दिल जीतने में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं..एक ओर कंगना तो दूसरी ओर विक्रमादित्य सिंह.. लेकिन साथ ही साथ दोनों ही प्रत्याशियों की ओर से जो भाषा इस्तेमाल की जा रही है.. वो मंडी में भाषा की मर्यादा पर सवाल उठा रहे हैं.. पहाड़ की राजनीति में तू-तड़ाक, खान, पान, पहनावे और निजी जिंदगी पर आज तलक इस कदर टिप्पणी नहीं होती थी.. जितनी इस बार मंडी के रण में देखने को मिल रही है.. अब मंडी की जनता सियासत के इस दौर को कैसे देखती है.. यही पता करने के लिए दिव्य हिमाचल की टीम एक बार फिर मंडी की जनता के बीच पहुंची और जाना कि नेताओं की ओर से लांघी जा रही भाषा की मर्यादा पर जनता का कहना क्या है,, तो चलिए जानते हैं जनता की राय मंडी से दीक्षा ठाकुर की खास रिपोर्ट
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App