Himachal News : प्री-प्राइमरी कक्षाएं जेबीटी के सहारे
तीन साल से भर्ती का इंतजार, एनटीटी डिप्लोमा की पात्रता में उलझी रहीं सरकारें
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का नया सत्र शुरू हो गया है। स्कूलों में इस समय सबसे बड़ी समस्या यह है कि छोटे बच्चे जो प्री-प्राइमरी में एनरोल हो रहे हैं उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं है। प्री-प्राइमरी की कक्षाएं भी जेबीटी टीचर को ही लेनी पड़ रही है और उन पर पहले ही पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। पिछली भाजपा सरकार के समय से स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं शुरू कर दी थीं, लेकिन उनके लिए पात्र नर्सरी अध्यापक नहीं रख पाए थे और यही हाल अब वर्तमान कांग्रेस सरकार का है। दोनों सरकारें नर्सरी टीचर रखने के लिए एनटीटी डिप्लोमा की पात्रता एक वर्ष या दो वर्ष के फेर में ही उलझी है और अब आचार संहिता के खत्म होने के बाद ये उम्मीद की जा सकती है प्रदेश में प्री-प्राइमरी के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक मिल सकेंगे। हर साल की तरह पूरे प्रदेश में इस साल भी प्री-प्राइमरी में 50 हजार से अधिक बच्चे एनरोल हुए हैं।
51 बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा एक टीचर पर
चंबा के राजकीय प्राथमिक पाठशाला अमरेली में पिछले चार साल से एक जेबीटी शिक्षक के भरोसे है। न तो प्रदेश सरकार के किसी नुमाइंदे ने यहां शिक्षक भर्ती की सोची और खुद यहां के लोग इतने साक्षर नहीं कि इस मुद्दे को प्रदेश सरकार तक उठा सके। हालत यह है कि वर्तमान में इस स्कूल में 51 बच्चे हैं जिसमें प्री-प्राइमरी के छात्र-छात्राएं भी है। यानी एक जेबीटी शिक्षक आठ कक्षाओं को अकेले संभाल रहे हैं। यही नहीं दूरदराज का क्षेत्र होने के चलते यहां न इंटरनेट सुविधा, नहीं तो शिक्षा विभाग की स्कीमों को लागू के लिए अन्य सुविधा है ।
इग्रू में नए सत्र से 19 नए कोर्स में मिलेगी एडमिशन
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने इस शिक्षा सत्र से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू कर दी है। इसके तहत इग्नू में तीन वर्ष की जगह विद्यार्थी चार वर्षीय कोर्स करेंगे। इग्नू ने इस सत्र से 19 नए कोर्स शुरू किए हैं। ऐसे विद्यार्थी जिनको मेरिट के चलते नियमित कालेज या विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिल पा रहा। इसके अलावा अन्य किसी कारण से रेगुलर कालेज और विश्वविद्यालय में नहीं जा सकते, वे विद्यार्थी आसानी से इग्नू में पढ़ाई कर डिग्री हासिल कर सकते हैं। नौकरी पेशा लोग भी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अपनी उच्च शिक्षा जारी रख सकते हैं। इसके तहत विद्यार्थियों को किसी भी अन्य कोर्स के विषय चुनने की स्वतंत्रता होगी। जैसे की पहले इग्नू में बीए जरनल हुआ करता था, लेकिन अब उसकी जगह बीए बहुअनुशासनिक को लॉन्च किया है। नए कोर्स में दाखिला लेने पर विद्यार्थी किसी भी स्ट्रीम के किसी भी विषय को पढ़ सकते हैं।
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