कॉन्ट्रैक्ट सर्विस की इन्क्रीमेंट भी देनी होगी, HC ने सरकार को दिया चार हफ्ते का समय
जेबीटी श्यामलाल के केस में हाई कोर्ट ने सरकार को चार हफ्ते का समय
राज्य ब्यूरो प्रमुख – शिमला
कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को पेंशन के लिए गिने जाने के बाद अब इस अवधि की इन्क्रीमेंट भी कर्मचारी को देनी होगी। जेबीटी टीचर श्यामलाल के केस में हिमाचल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया है। मामले की सुनवाई अब 27 जून को हगी। 22 मई को शिक्षा सचिव राकेश कंवर के खिलाफ दायर अवमानना याचिका में यह सुनवाई हुई। कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार ने श्यामलाल बनाम हिमाचल सरकार और जगदीश चंद बनाम हिमाचल सरकार के मामलों में आए फैसले को लागू करने का निर्णय ले लिया है। 20 मई, 2024 को शिक्षा सचिव ने इस बारे में शिक्षा निदेशक को आदेश जारी कर दिए हैं।
शिक्षा निदेशक ने आगे उपनिदेशक सोलन को यह मामला भेज दिया है और ब्लॉक एलिमेंटरी एजुकेशन ऑफिसर नालागढ़ को कहा गया है कि याचिकाकर्ता का पेंशन केस व्यक्तिगत तौर पर कंपीटेंट अथॉरिटी के पास पहुंचा जाए, लेकिन सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने शिकायत की कि कॉन्ट्रैक्ट अवधि की पेंशन देने को लेकर जारी किए गए आदेश में एनुअल इन्क्रीमेंट का जिक्र नहीं है, जबकि पहले कोर्ट से उन्हें यह रिलीफ भी मिला है। इसलिए कोर्ट के आर्डर को पूरी तरह विभाग ने लागू नहीं किया है। इसके बाद अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इस बारे में कुछ समय की मांग की। कोर्ट ने सरकार को चार हफ्ते का समय इस मामले में दिया है। दूसरी तरफ, अनुबंध की सेवा को पेंशन के लिए गिने जाने से संबंधित आयुर्वेद विभाग के शीला देवी मामले की जजमेंट को लागू करने में अभी थोड़ा सा वक्त और लगेगा।
वित्त विभाग ने इस बारे में ऑफिस मेमोरेंडम का ड्राफ्ट तैयार कर दिया था, लेकिन इसे नोटिफाई करने से पहले मुख्य सचिव ने विधि विभाग की समीक्षा को भेजा है। विधि विभाग दो या तीन दिन के बाद यह फाइल लौटाएगा और इसके बाद इसे मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। इस ऑफिस मेमोरेंडम में कॉन्ट्रैक्ट सर्विस के कारण पेंशन खोने वाले पेंशनरों को एक महीने का वक्त विकल्प देने के लिए दिया जा रहा है, जिनकी भी सर्विस कांट्रैक्ट सेवा को मिलाकर दस साल हो जाएगी, उन्हें ओल्ड पेंशन मिलेगी।
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