खड्डों में खनन, कोटला की 15 पंचायतों में पानी का संकट

By: May 23rd, 2024 12:54 am

खनन मफिया जेसीबी-पोकलेन से कुरेद रहा खड्डे, अवैध खनन पर लगाम न लगी, तो खत्म हो जाएगा पेयजल योजनाओं का अस्तित्व
निजी संवाददाता- जवाली
विधानसभा क्षेत्र जवाली में खनन माफिया के बेख़ौफ़ होने से खड्ड.नाले व दरिया तो सूख ही रहे हैंए साथ ही साथ पेयजल योजनाओं पर भी इसका असर पड़ा है। कोटला बैल्ट में देहर खड्ड किनारे अधिकतर क्रशर लगे हुए हैं जोकि दिनरात खड्डों को जेसीबी व पोकलेन से कुरेद रहे हैं जिससे खड्डों.नालों की गहराई काफी ज्यादा हो गई है। जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है। खड्डों की गहराई व खनन का अंदाजा खड्डों पर बने पिल्लरों की प्लैंथ को देखने से ही लग जाता है, क्योंकि पुलों की प्लैंथ तक बाहर निकल आई हैं। दिनोंदिन खनन बढऩे से कोटला बैल्ट की अधिकतर पेयजल स्कीमों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है। पानी के लिए कोटला बैल्ट की 15 पंचायतों के लोग पेयजल के लिए जूझ रहे हैं। खड्डों-नालों में भी पानी नहीं है, जिस कारण बेसहारा पशुओं व जंगली जानवरों को भी पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है।

दिनोंदिन घटते जलस्तर के कारण अब स्कीमों के ड्राई होने का भी खतरा बढ़ गया है। खनन माफिया द्वारा किया जा रहा खनन आने वाले समय में खतरनाक साबित होगा। जानकारी अनुसार कोटला बैल्ट में 17 पेयजल स्कीमें हैं, जिनमें से अधिकतर का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। कुछ पेयजल योजनाओं में 40 फीसदी ही पानी है। कोटला बैल्ट के अधीन कोटला, डोल, पद्दर, सोलदा, त्रिलोकपुर, भाली, बेही पठियार, चननी, कोठीबंडा, राजोल, कुठेहड़, नढोली सहित 15 पंचायतों में पेयजल किल्लत हो रही है। बुद्धिजीवियों ने कहा कि खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि पेयजल योजनाओं के अस्तित्व को बचाया जा सके।

खनन से सूख रही पेयजल योजनाएं, दिक्कतें बढ़ीं

कोटला क्षेत्र की पंचायतों के लोगों ने कहा कि क्रशरों पर लगाम कसी जाए तथा नियमों के विपरीत खनन करने वालों के लाइसेंस रद्द किए जाएं। उनका कहना है कि खनन करने के नाम पर खनन विभाग व पुलिस मात्र ट्रैक्टरों के ही चालान करते हैं, जबकि खनन जेसीबी लगाकर क्रशर संचालक करते हैं। खनन विभाग के साथ क्रशर संचालकों के तार जुड़े हुए हैं और यही कारण है कि विभाग की दबिश से पहले ही क्रशर संचालकों को पता लग जाता है तथा क्रशर संचालक अपनी मशीनरी को खड्डों से निकालकर क्रशरों पर खड़ी कर देते हैं। जनता ने कहा कि खनन से पेयजल योजनाएं सूख रही हैं तथा पेयजल किल्लत झेलनी पड़ रही है।

सहायक अभियंता विजय नाग के बोल
इस बारे में जलशक्ति विभाग कोटला के सहायक अभियंता विजय नाग ने कहा कि गर्मियों के कारण कोटला बैल्ट की अधिकतर स्कीमों का लेवल डाउन हो गया है। फिर भी विभाग लोगों को पेयजल मुहैया करवाने में लगा हुआ है। लगातार जल स्तर कम हो रहा है, जिससे पेयजल समस्या विकराल हो रही है।


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