स्कूलों में जाकर छात्रों को दिया जा रहा नाटी का प्रशिक्षण
सरगम कला मंच सोलन ने पहाड़ी लोक नृत्य और संस्कृति को बचाने के लिए छेड़ी मुहिम
निजी संवाददाता-कुमारहट्टी
सरगम कला मंच सोलन द्वारा हिमाचल की पहाड़ी लोक नृत्य कला को बचाने के लिए अनूठी पहल की जा रही है, जिसके तहत कला मंच द्वारा स्कूली बच्चों को उनके स्कूलों में जाकर पहाड़ी नाटी नृत्य का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सरगम कला मंच सोलन के संस्थापक जिया लाल ठाकुर ने बताया कि प्राथमिक पाठशाला कुमारहट्टी के 150 छात्र-छात्राओं को खील का मोड़ माध्यमिक पाठशाला और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दगशाई के 390 छात्र छात्राओं को जिला सोलन के विशुद्ध लोक नृत्य का प्रशिक्षण निशुल्क दिया जा रहा है। उपेंद्रवज्रा छंद और तिस्तर जाती के ताल में 12 मात्रा की ढीली नाटी, माला नाटी, रासा, मालिनी छंद और चतुस्त्र जाती के ताल में मुजरा नाटी और झुरी, अनुष्टुप छंद और चतुस्त्र जाती के ताल में छींज गीत में निशुल्क नाटी नृत्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्तिक और भरत शर्मा द्वारा ये प्रशिक्षण एक सप्ताह तक दिया जाना है। पाश्चात्यता के कुप्रभाव से विस्थापित हो रहे विशुद्ध लोक नृत्य को बचाने और छात्रों को इस की गहन जानकारियां देने के लिए ये ऐतिहासिक प्रयास किया जा रहा है। जिया लाल ठाकुर ने बताया कि उनके इस प्रयास को स्कूली बच्चों द्वारा भी बड़ा पसंद किया जा रहा है। स्कूली बच्चों को इस कला के प्रति जागरूक करना व विलुप्त होती जा रही पहाड़ी नृत्य की तरफ उन की रुचि पैदा करना ही उनके कला मंच का मुख्य उद्देश्य है।
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