नौ साल में न फोरलेन विस्थापित बसे, न ही मिला मुआवजा

By: May 25th, 2024 12:16 am

सरकारों ने जनता को दिए झूठे आश्वासन; चुनावी वक्त पर आती है वोट बटोरने के लिए याद, पक्ष-विपक्ष ने फोरलेन पीडि़तों के मुद्दों पर नहीं किया गौर

कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
नौ साल बीते…हक की लड़ाई के लिए कभी सडक़ों पर तो कभी भूखे बैठे। इसके बावजूद भी सूबे की सरकारें जनता के हक को लेकर नहीं पसीज पाई। फोरलेन को लेकर सूबे की सरकारों ने ढिंढोरा तो खूब पीटा, लेकिन इस विकास के लिए जिन लोगों की जमीनें लगी थी और जो फोरलेन से विस्थापित और प्रभावित हुए थे, उनकी मांगों पर गौर करने में मात्र आश्वासनों के सिवाए कुछ नहीं मिला। नौ सालों में फोरलेन प्रभावित-विस्थापितों के मुद्दे सत्ताधारियों के आश्वासनों में गौण होते रहे। अब लोकसभा चुनाव को मात्र चंद दिन रहे हैं, अब चुनावी बेला पर नेताओं को फोरलेन प्रभावितों की याद आ रही है। यह कहना है कि फोरलेन संघर्ष समिति जिला कुल्लू का। नेताओं के झूठे आश्वासनों से फोरलेन प्रभावित और विस्थापित खफा हैं। बता देें कि 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून लागू किया गया। लेकिन उसके बाद जब किरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण के कारण हजारों लोग प्रभावित और विस्थापित हुए।

2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा-कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियों ने घोषणापत्र में चार गुणा मुआवजा, फैक्टर दो लागू करने का वादा किया था। पांच साल प्रदेश में भाजपा सरकार बनी। सरकार ने बाकायदा कमेटी का गठन किया। फिर पांच साल आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिला। फोरलेन निर्माण की कटिंग के कारण बजौरा से लेकर मनाली तक सैंकड़ों लोगों की भूमि, बगीचे, घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे लोग बर्वाद हो गए हैं। 2013 के कानून के मुताबिक प्रभावित, विस्थापितों का पुर्नवास, पुर्न:स्थापना होनी चाहिए। लेकिन नौ सालों बाद भी हजारों फोरलेन प्रभावित दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। 2017 विधानसभा चुनाव, 2019 लोकसभा चुनाव, 2021 लोकसभा उपचुनाव में फोरलेन प्रभावितों का मुद्दा खूब गूंजा था। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा फिर गूंजा है। पूर्व सरकार के दौरान प्रभावितों के 16 सूत्रीय मांग पर गौर न कर सरकार ने फोरलेन प्रभावितों के साथ वादाखिलाफी की थी। वहीं, अब वर्तमान सरकार भी कुछ नहीं कर पा रही है। कुल्लू की जनता इस बार चुनाव में जरूर हिसाब मांगेगी।

नहीं दे रहा कोई ध्यान
फोरलेन संघर्ष समिति जिला कुल्लू के अध्यक्ष दिनेश सेन ने बताया कि नौ सालों से फोरलेन संघर्ष समिति जनता के आवाज को उठाने के लिए संघर्षरत है। लेकिन पक्ष और विपक्ष उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रहे हैं। प्रदेश स्तर, जिला स्तर पर कई बार आवाज उठाई। लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब उस प्रत्याशी को वोट दिए जाएंगे जो मांगों पर पूरी जिम्मेवारी मानेंगे।


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