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लोकसभा चुनाव: कांगड़ा के सियासी दुर्ग में नए योद्धा

By: May 3rd, 2024 12:07 am

भाजपा से राजीव भारद्वाज, कांग्रेस से आनंद शर्मा पहली बार लड़ रहे लोकसभा चुनाव

राकेश कथूरिया-कांगड़ा

कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र से इस बार दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा व कांग्रेस ने ब्राह्मण वर्ग से ताल्लुक रखने वाले प्रत्याशियों पर दांव खेला है। भाजपा के ब्राह्मण समुदाय के राजीव भारद्वाज चुनाव मैदान में हैं तो कांग्रेस पार्टी ने ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आनंद शर्मा को चुनावी जंग में उतारा है । पांच बार यहां से ब्राह्मण समुदाय का सांसद लोकसभा में पैरवी भी करता रहा हैं दोनों प्रत्याशी पहली मर्तबा लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे हैं । राजीव भारद्वाज ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार से राजनीतिक गुर लिए हैं और आनंद शर्मा राज्यसभा से संसद में पहुंचते रहे हैं। जहां तक इस चुनाव क्षेत्र में जातीय समीकरण का सवाल है तो राजपूत समुदाय भी काफी दमखम रखता है। यहां एक चौथाई से अधिक मतदाता इस वर्ग से संबंधित हैं । इसके अलावा ओबीसी मतदाताओं की तादाद भी यहां अच्छी खासी है, लेकिन इस संसदीय क्षेत्र का इतिहास बताता है कि यहां जातीय समीकरण के आधार पर न तो कभी लोकसभा के चुनाव लड़े गए हैं और न ही मतदाताओं ने प्रत्याशी की जाति पाती के आधार पर कभी वोट डाले हैं।

यही वजह रही है कि इस क्षेत्र के मतदाताओं ने यहां सबसे कम आबादी वाले खत्री समुदाय के नेताओं को पांच मर्तबा संसद में पैरवी करने के लिए भेजा है। मतदाता संख्या के हिसाब से दूसरे नंबर पर आने वाले ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का मौका चौधरी चंद्र कुमार को सन् 2004 में मिला था। उल्लेखनीय है कि कांगड़ा सीट पर खत्री समुदाय की आबादी सबसे कम लगभग आठ फीसदी है, लेकिन इस समुदाय से संबंधित नेता ने पांच बार लोकसभा चुनाव जीता है। 2004 में ओबीसी से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र कुमार जीत, 2009 में राजन सुशांत भाजपा के, 2014 में शांता कुमार ने यह चुनाव जीता। इस तरह सर्वाधिक पांच बार ब्राह्मण और पांच बार खत्री समुदाय ने इस महत्त्वपूर्ण सीट पर अपनी जीत दर्ज करवाई। एचडीएम


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