मंडी नगर निगम में हाईटेक गाडिय़ों का विरोध

By: May 7th, 2024 12:16 am

पार्षदों ने खोला मोर्चा, कचरा उठाने लिए बिना अप्रूवल किराए पर लीं 15 गाडिय़ां , गाडिय़ों में भार की क्षमता कम होने से सफाई कर्मचारी परेशान

स्टाफ रिपोर्टर-मंडी
नगर निगम मंडी द्वारा वार्डों से कूड़ा उठाने के लिए किराए पर ली गई पद्रंह हाइटैक गाडिय़ों का निगम के पार्षदों ने विरोध जताया है। पार्षदों का क हना है कि बिना उनकी सहमति के निगम ने यह गाडिय़ां खरीदी हैं। न ही इन गाडिय़ों का डैमो लिया गया और न ही हाउस में अप्रूवल हुई। अब इन गडिय़ों के कारण निगम के स्वच्छता क र्मियों को कार्य करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन हाइटैक गाडिय़ों में कूड़ा उठाने की क्षमता क म है। जिस कारण डंपिंग साईट तक कूड़ा पहुंचाने के लिए चार से पांच बार चक्कर लग जाते हैं। जिस कारण दिन के दो दो बजे तक कूड़ा वार्डों में ही पड़ा रहता है। वहीं सूखा कूड़ा उठाने की क्षमता भी बहुत कम है। सफाई क र्मियों के लिए यह हाइटैक गाडिय़ों परेशानी का सबब बन गई हैं। सफाई कर्मियों ने भी इसपर अपनी असुविधा जाहिर की है।

पार्षदों में हरदीप सिंह राजा, उप महापौर व पार्षद माधुरी कपूर, कृ ष्ण भानू, विरेंद्र आर्य, नेहा कुमारी ने इन हाइटैक गाडिय़ों के विरोध में आपत्ति जाहिर की है। पार्षद हरदीप सिंह राजा का कहना है कि जितने किराए में तीन सालों के लिए यह हाइटैक गाडिय़ां खरीदी गई हैं उतने में तो निगम खुद की गाडिय़ां खरीद लेता। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि इन गाडिय़ों को किराए में लेकर किसी अपने हितैषी को फायदा पंहुचाया जा रहा है। निगम ने पुरानी गाडिय़ों के मालिकों को भी नोटिस नहीं दिया। पार्षदों का कहना है कि उन्हीं गाडिय़ों को भी मौडिफाई किया जा सकता था। इससे खर्चा भी कम होता और निगम के लोगों को भी फायदा पंहुचता। निगम के पार्षदों ने इसे घोटाला बताया है और इसके लिए विजिलैंस जांच की मांग की है।

कर्मचारियों की भी बढ़ी टेंशन
पार्षदों का कहना है कि पुरानी गाडिय़ों में स्वछता कर्मी कूड़ा उठााने के बाद अपने अपने कार्यो में लग जाते थे। केवल वाहन चालक ही कूड़ा डपिंग साईट तक पंहुचाता था। पंरतु नई गाडिय़ों में हर वार्ड से एक स्वच्छता कर्मी को डपिंग साईट जाना पड़ता हैं। इससे काम भी बड़ गया है और कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ गई है।

नई और पुरानी गाडिय़ों के किराए
पार्षद हरदीप सिंह राजा ने बताया कि पुरानी एक गाड़ी का एक महीनें का किराया 32 हजार 566 था जबकि नई हाइटैक गाडिय़ों का किराया 57 हजार आ रहा है। वहीं एक महीनें में पुरानी पंद्रह गाडिय़ों का खर्चा 4 लाख 88 हजार 500 था और नई गाडिय़ों का खर्चा 8 लाख 55 हजार होगा। वहीं तीन सालों में हाइटैक गाडिय़ों 3 करोड़ 7 लाख 80 हजार आएगा। जबकि तीन सालों में पुरानी गाडिय़ों का किराया 1 करोड़ 75 लाख 86 हजार आता।


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