बाल विवाह में शामिल हुए तो सजा पक्की

By: May 2nd, 2024 12:16 am

एसडीएम ओम कांत ठाकुर ने सामाजिक कुरीति को बताया गैर कानूनी

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-मंडी
एसडीएम सदर मंडी ओम कांत ठाकुर ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है और यह गैर कानूनी है। इसकी रोकथाम के लिए कानूनी प्रावधानों के कार्यांवयन के साथ-साथ समाज में जागृति लाने की आवयकता है। बाल विवाह करवाने या बढ़ावा देने में सहायक व्यक्तियों को दो साल तक की सजा और एक लाख रूपए तक का जुर्माना या दोनो हो सकते हैं। यह जानकारी उन्होंने बाल विवाह रोकने व बाल विवाह निशेध अधिनियमए 2006 के प्रति जाग़रूक करने को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियमए 2006 के तहत 18 वर्ष के कम आयु की लडक़ी और 21 वर्ष से कम आयु के लडक़े को नाबालिग माना जाता है और नाबालिगों द्वारा किया गया विवाह गंभीर और गैर जमानती अपराध है।

बाल विवाह के आयोजन से संबंधित जानकारी जिलाधिकारी उप मंडलाधिकारी बाल विकास निषेध अधिकारी सीडीपीओ नजदीकी पुलिस थाना को देने या फि र पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 व 1090 पर सूचित करने के लिए कहा ताकि तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित हो सके। बाल विवाह की आशंका को देखते हुए लडका.लडकी के बालिग होने की पुष्टि हेतु उनके जन्म तिथि से संबंधित कागजात देखने के लिए कहा। एसडीएम ने महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग तथा पुलिस विभाग को ग्रामीण स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला मंडलों एवं पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से समाज के सभी लोगों को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के सभी प्रावधानों की जानकारी देने के निर्देश दिए।


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