सडक़ें सुनसान, गर्मी ने लोग किए बेहाल

By: May 27th, 2024 12:16 am

सोलन शहर में दोपहर को कफ्र्यू जैसे हालात, 35 के करीब पहुंचा पारा

स्टाफ रिपोर्टर-सोलन
प्रदेश सहित जिलाभर में सूरज की तपश से गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। आलम यह है कि गर्मी के चलते दिन के समय सोलन शहर में तो कफ्र्यू जैसे हालात हो गए हैं। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बाद भी सडक़ें खाली-खाली नजर आई और बाजारों में न के बराबर ही रौनक देखने को मिली। सोलन में अधिकतम तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले तीन दिनों तक इस गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। ऐसे में लोगों को गर्मी का तांडव देखने को मिल सकता है। तपती धूप के चलते किसानों को भी अपनी फसलों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

इस सीजन गर्मी काफी लेट हुई है लेकिन जब से सूरज ने तपना शुरू किया तब से लोगों को जीना मुहाल हो गया है। वैसे तो करीब दो-तीन सप्ताह से लगातार गर्मी पड़ रही है और तापमान भी बढ़ रहा है, लेकिन पिछले एक सप्ताह में तो गर्मी ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शनिवार के बाद रविवार का दिन बेहद गर्मी भरा रहा है और इस दौरान अधिकतम तापमान 34-35 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया गया है। दिन में तपते सूरज के चलते लोग घरों से भी बाहर नहीं निकले और सडक़ें भी सुनसान हो गई। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बाद भी सडक़ों व बाजारों में खासी चहल-पहल नहीं देखी गई। नौणी विवि के मौसम विभाग की मानें तो आने वाले तीन दिनों में भी कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है और मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 35-37 डिग्री और न्यूनतम 17-19 डिग्री रहेगा।

प्याज-लहसुन की तुरंत करें कटाई, टमाटर की फसल नियमित करे सिंचाई
वैज्ञानिकों ने इस गर्मी के मौसम में किसानों-बागबानों को सलाह दी है। टमाटर की फसल में गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए सिंचाई की आवृत्ति बढ़ाने की सलाह दी गई है। पत्तियों के मुडऩे की निगरानी करें और टमाटर के खेतों में मिट्टी की नमी बनाए रखें। यदि अभी तक प्याज और लहसुन की कटाई नहीं हुई है तो तुरंत कटाई करें और उन्हें सूखी जगह पर संग्रहित करें। बागबान सेब के लिए मिट्टी की नमी को संरक्षित करने के लिए पौधे के तौलियों में लगभग 10-15 सेमी मोटाई में सूखी घास फैलाएं और सेब के बगीचों को एंटी हेल नेट से ढकें। बागबानों को सलाह दी गई है कि वे सुबह और शाम के समय आवश्यकतानुसार पौधों की सिंचाई करें। आम के लिए सिंचाई की आवृत्ति बढ़ाने की सलाह दी गई है। पौधे के तौलियों को खरपतवार से मुक्त रखें। कद्दूवर्गीय फसलों का कीटोंं के लिए निरीक्षण करें और बेलों को ऊपर उठाने के लिए सहायता प्रदान करने के लिए स्टेकिंग करें।


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