आतंक का आरोप और सिर्फ डेढ़ साल की जेल, SC ने पलटा मद्रास हाई कोर्ट का फैसला

By: May 23rd, 2024 12:06 am

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट का फैसला पलटा, पीएफआई के आठ सदस्यों की जमानत रद्द

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फं्रट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है और सभी आठ आरोपी सदस्यों की जमानत रद्द कर दी है। पीएफआई के इन आठ सदस्यों पर देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है। पिछले साल अक्तूबर में मद्रास हाई कोर्ट ने इन आरोपियों को बेल दे दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता और अधिकतम सजा के तौर पर जेल में बिताए गए सिर्फ 1.5 साल को देखते हुए हम जमानत देने के मद्रास हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक हैं। अदालत व्यक्तिगत स्वतंत्रता देने वाले आदेशों में हस्तक्षेप कर सकती है, अगर वो गलत आधार पर दिए गए हों। जस्टिस त्रिवेदी ने अपने निर्णय में कहा कि जांच एजेंसी द्वारा हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है। पीएफआई के इन सदस्यों पर देश के खिलाफ षड्यंत्र रचने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं।

जमानत पर इनकी रिहाई रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अधिकतम सजा दी गई है, जबकि उन्होंने सिर्फ 1.5 डेढ़ साल कारावास में बिताए हैं। इस कारण हम हाईकोर्ट के जमानत पर रिहाई के फैसले में दखल दे रहे हैं। आठ आरोपियों में बरकतुल्ला, इदरीस, मोहम्मद अबुथाहिर, खालिद मोहम्मद, सैयद इशाक, खाजा मोहिदीन, यासर अराफात और फैयाज अहमद का नाम शामिल हैं। सभी को केरल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत और विदेशों में धन इक_ा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

ट्रायल में तेजी लाने के निर्देश

कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोच्च है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ट्रायल में तेजी लाए जाने का भी निर्देश दिया है। इसके साथ ही ये कहा है कि इस जमानत का असर केस की मेरिट पर असर नहीं पड़ेगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App