परिवहन पेंशनरों की मांगें न मानी तो दबाएंगे नोटा

By: May 3rd, 2024 12:10 am

कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
हिमाचल परिवहन पेंशनरों की मांगों पर गौर नहीं होने पर हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच ने नाराजगी जाहिर की है। वहीं, कल्याण मंच ने सरकार को चेताया है कि यदि 15 मई से पहले-पहले सभी भुगतान नहीं हुए तो वे सरकार के विरूद्ध कार्य कर चुनाव में नोटा का बटन दबाएंगे। बता दें कि हिमाचल परिवहन सेवा निवृत कर्मचारी कल्याण मंच की संचालन समिति की बैठक सुरेंद्र कुमार सूद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें बेली राम, जीतराम, मधुवन शर्मा एवं बाबूराम उपस्थित रहे। जिसमें सभी परिवहन पेंशनरों ने हिमाचल सरकार एवं निगम प्रबंधन के प्रति रोष प्रकट किया और संचालन समिति के सभी सदस्यों ने अपने-अपने विचार प्रकट किया और नाराजगी जाहिर की और कहा सरकार परिवहन पेंशनरों के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी सरकारी कर्मचारी को संशोधित वेतन मान की दो किश्तें दी गई। जबकि परिवहन पेंशनरों एवं कर्मचारियों को अभी तक एक भी किशत नहीं दी गई है, जो की बहुत बड़ा अन्याय है। इसके अतिरिक्त सरकार ने सभी सरकारी विभागों को 65, 70, 75 वर्ष पूरे करने पर 5-10-15 प्रतिशत की पेंशन वृद्धि की गई है, परंतु परिवहन निगम कि कर्मचारियों को इस लाभ से वंचित रखा है। जबकि यह मांग निदेशक मंडल से भी पास हो चुकी है तथा सर्वोच्च न्यायालय के भी दिशा निर्देश में है। यह ऐसी तानाशाह सरकार है कि न्यायालय के आदेशों को भी नहीं मान रही है। इस सरकार की परिवहन पेंशनरों के प्रति नियत तथा नीति साफ नहीं है।

इसके अतिरिक्त परिवहन पेंशनरों के मेडिकल बिलों का भुगतान पिछले दो सालों से नहीं हुआ है। जबकि परिवहन पेंशनरों ने दुर्गम इलाकों में भारी कठिनाइयों का सामना किया है। एक तरफ तो सरकार कहती है कि वरिष्ठ नागरिक देश के स्तंभ है। वहीं दूसरी तरफ वरिष्ठ नागरिकों को सडक़ों पर उतरने के लिए मजबूर कर रही है। जिससे सरकार की नियत तथा नीति का खुद पता चल जाता है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है। इस प्रकार वरिष्ठ पेंशनरों के साथ बड़ा मजाक किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त परिवहन पेंशनरों के कई प्रकार के वित्तीय लाभ जिसमें 4-9-14 तथा 8-16-24 – 32 वर्षों की वेतन वृद्धि तथा जिन चालकों परिचालकों ने 20 वर्ष तक एक ही पद पर नौकरी की है, उन्हें सरकार द्वारा दी गई दो वेतन वृद्धियों का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है। जबकि इसके आदेश न्यायालय से भी हो चुके हैंद्ध पूर्व में पूर्व प्रबंध निदेशक ने सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करके अपने आदेश उच्च न्यायालय को प्रेषित किए हैं, जो की कानूनंन गलत है। जिसकी परिवहन पेंशनर संघ घोर निंदा करती है। यदि सरकार 15 मई के अंदर अंदर उनकी मांगों का भुगतान नहीं करती है तो सब परिवहन पेंशनर सरकार के विरुद्ध मतदान करेंगे या नोटा दबाने के लिए मजबूर होंगे। इसलिए सरकार से निवेदन है कि परिवहन पेंशनरों के सभी प्रकार के वित्तीय लाभों का भुगतान 15 मई से पहले पहले करने करें अन्यथा सभी वरिष्ठ नागरिकों को सडक़ों पर उतारने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।


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