आउटसोर्स बनाकर पगार पर रखे सरकार

By: Jul 17th, 2024 9:59 pm

सर्टिफाइड ऑडिटर्ज ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेजा पत्र

विशेष संवाददाता – शिमला

सहकारिता विभाग के प्रमाणित अंकेक्षकों (सर्टिफाइड ऑडिटर) ने उन्हें आउटसोर्स करने का आह्वान किया है। साथ ही विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ऑडिट के कार्य के लिए आयु सीमा निर्धारित करने का आह्वान किया है। रिटायर्ड ऑडिटर्स ऑडिट का कार्य 75 से 90 वर्ष तक की उम्र तक कर रहे हैं। इससे सर्टिफाइड ऑडिटर्स को ऑडिट का बहुत कम काम मिल रहा है। इस बारे में प्रमाणित अंकेक्षकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र भेजा है। पत्र के माध्यम से दो प्रमुख बातों को सरकार के समक्ष रखा गया है। इनमें उन्होंने कहा कि प्रमाणित अंकेक्षकों को सहकारी सभा के माध्यम से फीस का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फीस देने की जगह सभी ऑडिटर को एचपीएसईडीसी के अधीन या फिर आउटसोर्स किया जाए। इस समय सहकारी सभाओं के अंकेक्षण का कार्य विभाग से रिटायर्ड इंस्पेक्टर और ऑडिटर कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा कि सर्टिफाइड ऑडिटर और रिटायर्ड ऑडिटर के लिए वेतन के नाम पर शुद्ध लाभ का दस प्रतिशत और अधिकतम 20 हजार और कम से कम एक हजार फीस तय की गई थी। दोनों की ऑडिट फीस मिलाकर साल की 10 करोड़ रुपए फीस बनती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 22 हजार 345 रुपए महीना भी आउटसोर्स के माध्यम से देती है, तो सालाना फीस पांच करोड़ रुपए बनेगी और बाकी फीस सरकार के खाते में जा सकेगी। इससे सरकारी खजाने में बढ़ोतरी होगी और उन्हें फीस सैलरी के रूप में मिल सकेगी। इससे सर्टिफाइड ऑडिटर का परिवार का गुजारा चलाने में आसानी होगी।


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