रोड सेफ्टी अभियान, जान है, तो जहान है

By: Jul 13th, 2024 4:28 pm

शकील कुरैशी-शिमला

हिमाचल के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा है कि कोई भी दुर्घटना घातक होती है, मगर सबसे अहम है किसी की जान बचाना। इसमें चिकित्सकों का सबसे अहम रोल है। किसी की जान बचाना ईश्वर के हाथ में है, मगर डाक्टर भी ईश्वर का दूसरा रूप है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री प्रदेश के अग्रणी मीडिया गु्रप ‘दिव्य हिमाचल’ के रोड सेफ्टी अभियान के शुभारंभ पर आईजीएमसी के सभागार में बोल रहे थे। डिप्टी सीएम कैबिनेट मीटिंग बीच में छोड़ कर ‘दिव्य हिमाचल’ के कार्यक्रम में आए, जहां उन्होंने समाज को जागरूक करने का बड़ा संदेश दिया, वहीं इसी मंच से उन्होंने कुछ बड़े ऐलान भी किए। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते यहां दुर्घटनाएं ज्यादा होती थीं, लेकिन प्रदेश सरकार के प्रयासों के बाद इसमें पहले से कमी आई है।

पिछले सालों में सालाना चार हजार लोगों की मौत दुर्घटना में होती रही है, लेकिन अब यह आंकड़ा 3200 तक रह गया है। उन्होंने कहा कि इसमें तुलना नहीं होनी चाहिए और सभी को बेहतरीन प्रयास करने चाहिए। यातायात नियमों की उल्लंघना करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है, जिसमें सालाना दस करोड़ रुपए के चालान कर रहे हैं। पिछली साल इसी अवधि में आठ करोड़ रुपए के चालान हुए थे। उपमुख्यमंत्री ने आईजीएमसी में पढऩे वाले छात्रों व नर्सों से कहा कि वह भाग्यशाली हैं, जो यहां पर पढ़ रहे हैं। देश में आईजीएमसी का अपना नाम व रूतबा है। हिमाचल के डाक्टरों का देश में बड़ा नाम है, वहीं हिमाचल की नर्सें भी अन्य राज्यों में मुकाम हासिल कर रही हैं।

सडक़ सुरक्षा पर संवेदनशीलता के लिए ‘दिव्य हिमाचल’ को सराहा

डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री ने ‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया गु्रप को रोड सेफ्टी के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए किए जा रहे इन प्रयासों की भरपूर सराहना की और कहा कि मीडिया, जनता को जागरूक करने में बेहतरीन भूमिका निभा सकता है और ‘दिव्य हिमाचल’ इसमें अपना भरपूर योगदान दे रहा है। उन्होंंने भविष्य के डाक्टरों को आग्रह किया कि वह खुद भी रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक हों और जनता को भी जागरूक करें। रोड़ सेफ्टी के लिए सरकार हर साल 25 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाती है। राज्य के 12 बैरियरों पर ऑटोमेटिक चालान की व्यवस्था कर दी गई है, वहीं ड्राइविंग टेस्ट भी आटोमेटिक सिस्टम से होंगे साथ ही वाहनों की इंस्पेक्शन को भी आटोमेटिक व्यवस्था बनाई जा रही है।

अस्पतालों में गुड्स स्मार्टियन की तर्ज पर हो काम
शिमला। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि उन्होंने तीन परिवहन विभाग में सेवाएं दी। इस दौरान उन्होंने परिवहन विभाग में कई आयाम स्थापित किए। पहले किसी भी विभाग में रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया जाता था। उन्होंने परिवहन विभाग में रक्तदान शिविर की शुरुआत की। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि सडक़ हादसों में घायलों के डाक्टर ही जीवन रक्षक हैं। सडक़ हादसे में घायल अगर कोई व्यक्ति अस्पताल में आता है, तो तुरंत उसका उपचार शुरू किया। अस्पतालों में भी गुड स्मार्टियन की तर्ज पर काम किया जाना चाहिए। इस हादसे के घायलों की जान बचाने में मदद मिलेगी।

मेडिकल कालेजों में जाकर प्रशिक्षुओं के बनाए जाएं लर्निंग लाइसें
डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेडिकल कालेजों में पढऩे वाले छात्रों की सुविधा के लिए कालेजों में जाकर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाएं। इन प्रशिक्षुओं को सुविधा देने के बारे में प्रयास करना चाहिए, ताकि इनको कहीं भटकना न पड़े। उन्होंने यहां ये भी कहा कि एचआरटीसी आम जनता को सुविधा दे रही है, जहां कोई नहीं जाता वहां एचआरटीसी की बस जाती है। एचआरटीसी को अपने कर्मचारियों को वेतनमान के लाभ भी देने हैं और ओपीएस भी देना है। इसके अलावा सिफारिशों पर बसें भी चलानी पड़ती हैं।

रोड सेफ्टी अभियान के सहयोगियों को सम्मान
दिव्य हिमाचल ब्यूरो-शिमला
मेडिकल कालेजों के सडक़ सुरक्षा अभियान के शुभारंभ पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम के आयोजन में भागीदार रहे अधिकारियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने निदेशक ट्रांसपोर्ट डीसी नेगी, निदेशक मेडिकल कालेज डा. राकेश शर्मा, प्रिंसीपल आईजीएमसी डा.सीता ठाकुर, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, प्रिंसीपल सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कालेज संतोष मांटा, सचिव राज्य परिवहन प्राधिकरण नरेश ठाकुर, उपनिदेशक परिवहन ओंकार सिंह, डीएसपी परिवहन दुष्यंत सरपाल और प्रोग्रामर परिवहन शीतल को सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कार्यक्रम के रिसोर्स पर्सन आईजीएमसी से प्रोफेसर विनीत अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात पर्यटक एवं रेलवे नरवीर राठौर को भी सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा 12 बैरियर्स पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रेकग्निशन कैमरा लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक भी बनाए जा रहे हैं। विभाग द्वारा ऑटोमेटिक इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि वाहनों की ऑटोमेटिक टेस्टिंग और पासिंग हो सके। उन्होंने परिवहन विभाग को विदेश जाने वाले लोगों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए अलग व्यवस्था तैयार करने की दिशा में कार्य करने को कहा।


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