मानसून की वजह से जगह-जगह जलभराव डेंगू के बढ़ते मामलों का मूल कारण है और इस बार ज्यादा मानसून भी डेंगू का खतरा बढ़ा सकता है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि मानसून अभी सितंबर महीने में भी जारी रहेगा। ऐसे में जगह-जगह जलभराव से डेंगू के लार्वा पनपने और डेंगू फैलने का डर प्रशासन को सता रहा है। यही कारण है कि स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर नजर बनाए हुए है साथ ही मंत्रालय ने सभी हॉट स्पॉट्स की कड़ी निगरानी के लिए कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू के खतरे को देखते हुए सभी राज्यों को अलर्ट किया है कि डेंगू से निपटने में कोई भी लापरवाही न बरती जाए साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में जरूरी सुविधाएं रखी जाएं।
कैसे फैलता है डेंगू
डेंगू का बुखार एडीज मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर ज्यादातर साफ पानी में पनपता है। इसलिए अपने आसपास पेड़, पौधों, गमलों, पानी की टंकी, कूलर आदि में पानी इकट्ठा न होने दें और समय-समय पर पानी को बदलते रहें। साथ ही डेंगू के किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर अपना ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं। घर पर रहकर किसी भी तरह के बुखार का इलाज न करें अन्यथा ये जानलेवा हो सकता है।
बढ़ सकते हैं डेंगू के मामले
हालांकि पिछले कई सालों के मुकाबले 2023 में देशभर में डेंगू के मामले काफी कम रिपोर्ट किए गए थे, इसकी बड़ी वजह रही थी प्रशासन की चौकसी। जिसमें सभी हॉट स्पॉट्स पर लार्वा नष्ट करने के लिए ड्रोन की मदद से दवाई का छिडक़ाव किया गया था। लेकिन इस बार मानसून की शुरुआत से ही देश के कई राज्यों में डेंगू के मामले रिपोर्ट किए गए और सितंबर में इन आकंड़ों के बढऩे की उम्मीद है।
एक्सपट्र्स ने खतरे से चेताया
हैल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि हर साल सितंबर के महीने के बाद डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते है। इस समय बारिश के बाद घरों के आसपास पानी का जमाव होने लगता है। जहां डेंगू के लार्वा पनपने लगते हैं। ये लार्वा साफ पानी जैसे कि कूलर, गमले और पानी की टंकी में पनप सकते है। जो डेंगू का कारण बनते हैं। इसलिए इस समय अपने आसपास खास ध्यान देने की जरूरत है। कहीं भी आसपास पानी इक_ा न होने दें और कूलर में दो बूंद मिट्टी की तेल की डाल दें जिससे लार्वा न पनपे।
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, बार-बार उल्टी आना, आंखों के पीछे तेज दर्द महसूस होना, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना, कमजोरी महसूस करना।
डेंगू से बचाव के उपाय
डेंगू से बचाव के लिए अपने आसपास गमले, कूलर, टंकी आदि का पानी समय-समय पर बदलते रहें। पानी बदलने की स्थिति में न हो तो उसमें दवाई या दो बूंद मिट्टी की तेल की डाल दें। बच्चों को पूरी बाजु और फूल पैंट ही पहनाकर रखें। किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर अपना ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं। बुखार की स्थिति में डाक्टर को जरूर दिखाएं। ध्यान रखें डेंगू तभी जानलेवा हो सकता है जब इसमें एहतिहात न बरती जाएं, अगर समय रहते अस्पताल में भर्ती हो जाएं, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।