ट्रंप के ‘आपातकाल’ फैसले

By: Jan 22nd, 2025 12:05 am

राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड टं्रप ने अमरीका की दक्षिणी सीमा, मैक्सिको बॉर्डर, पर आपातकाल घोषित कर दिया। वहां सेना भेजने की भी घोषणा की गई है। राष्ट्रपति टं्रप के लिए अवैध घुसपैठियों का मुद्दा सबसे संवेदनशील है। अवैध प्रवासियों को उनके मूल देश तक अमरीका छोड़ कर ही दम लेगा। इनमें करीब 18,000 भारतीयों पर भी तलवार लटकी है, जो अवैध प्रवासी हैं। मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने का काम तेज किया जाएगा। राष्ट्रपति टं्रप के पहले कार्यकाल के दौरान भी यह दीवार उनकी पहली प्राथमिकताओं में थी। मैक्सिको खाड़ी का नाम जल्द ही बदल कर ‘अमरीका की खाड़ी’ किया जाएगा। अमरीका में जो ड्रग तस्कर, माफिया किस्म के लोग सक्रिय हैं, उन्हें राष्ट्रपति ने ‘आतंकवादी’ घोषित कर दिया है। अमरीका पनामा नहर पर कब्जा करेगा। टं्रप ने घोषणा की है कि हमने पनामा नहर ‘तोहफे’ के तौर पनामा को दी थी, लेकिन चीन इसका संचालन कर रहा है। हमने चीन को यह नहर नहीं दी थी, लिहाजा हम इसे वापस ले रहे हैं। क्या कब्जे की नीयत अमरीका-चीन में नए टकराव का सबब नहीं बनेगी? राष्ट्रपति टं्रप ने ‘एनर्जी इमरजेंसी’ भी घोषित कर अपना मकसद साफ कर दिया है। अमरीका ऊर्जा-उत्पादन को बढ़ावा देगा और दुनिया के देशों को इसका निर्यात करेगा। अमरीका ‘ग्रीन न्यू डील’ को समाप्त करेगा। विद्युत-वाहनों की अनिवार्यता रद्द की जाएगी। इन वाहनों पर सबसिडी भी खत्म की जाएगी। पेट्रोल-डीजल की गाडिय़ों को प्रोत्साहन देकर ‘ऑटो उद्योग’ को दोबारा जिंदा करेंगे। दूसरे देशों को समृद्ध बनाने के लिए अपने नागरिकों पर टैक्स लगाने के बजाय विदेशों पर अधिक टैरिफ और कर लगाएंगे। राष्ट्रपति टं्रप ने सबसे महत्वपूर्ण घोषणा यह की है कि अमरीकी सेना स्वतंत्र रूप से अपने मिशन पूरे करेगी, लेकिन दूसरे देशों के युद्धों, टकरावों में अब सेना शामिल नहीं होगी।

टं्रप का संकेत स्पष्ट है, क्योंकि अमरीकी सेना विदेशी जमीन पर हस्तक्षेप करती रही है, लेकिन पराजित होकर, खाली हाथ उसे लौटना पड़ा है। टं्रप के मुताबिक, हमारे लिए देश की सीमाओं की सुरक्षा करना पहली प्राथमिकता है। अमरीका दुनिया भर में अमन-चैन और स्थिरता का पक्षधर है। नए राष्ट्रपति अब ‘शांति-पुरुष’ की छवि बनाकर नोबेल पुरस्कार हासिल करना चाहते हैं? बहरहाल राष्ट्रपति टं्रप ने अपने दूसरे कार्यकाल के आगाज पर कई संकेत दिए हैं कि वह आपातकाल, आक्रामक, परिवर्तनकारी, भिन्न, सौ फीसदी अमरीका फस्र्ट और युद्ध-विरोधी नीतियों के साथ आगे बढ़ेंगे। वह अमरीका को दोबारा मैन्युफैक्चरिंग का गढ़ बनाना चाहते हैं। अमरीका में महंगाई, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी को कम करना चाहते हैं, ताकि अमरीका फिर से ‘महान देश’ बन सके। पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन उनकी बगल में, दूसरी कतार में ही, बैठे थे और राष्ट्रपति टं्रप उनकी सरकार की छीछालेदर कर रहे थे। ऐसा देश ‘महान लोकतंत्र’ नहीं बन सकता। टं्रप ने 20 जनवरी को अमरीका का ‘मुक्ति दिवस’ घोषित किया। आखिर अमरीका किनसे मुक्ति पा रहा है? राष्ट्रपति टं्रप बहुत जल्दी में लगते हैं। बताया जा रहा है कि वह करीब 200 आदेशों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। क्या उनमें भी अधिकतर फैसले ‘आपातकाल’ किस्म के होंगे? बहरहाल हमारा बुनियादी सरोकार अमरीका, भारत, चीन के अंतर्संबंधों और समीकरणों पर है। राष्ट्रपति टं्रप निकट भविष्य में भारत या चीन की यात्रा कर सकते हैं। भारत-प्रवास का कार्यक्रम अप्रैल में संभावित बताया जा रहा है। बहरहाल, ट्रंप के कदमों से सभी पक्षों के लोग घबराहट और चिंता की स्थिति में हैं।


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