कैसे हो तनावमुक्त परीक्षा?

कई बार निगेटिव सोच आपको तनाव में डाल देती है। ऐसे में आपको निगेटिव सोच से ध्यान हटाकर पॉजिटिव सोचना है। जिस तरह निगेटिव सोच आपके आने वाले समय को निगेटिव कर देती है, उसी तरह सकारात्मक सोच आपके आने वाले समय को पॉजिटिव एनर्जी से भर देगी। परीक्षा खराब होगी, यह सोचने से अच्छा है कि यह सोचें कि मेरी परीक्षा बहुत अच्छी जाएगी और मेरे बहुत अच्छे अंक आएंगे। केवल ऐसा सोचना भर ही आपके अंदर आत्मविश्वास पैदा कर देगा। तनाव हमेशा निराशावाद का उत्पाद है…

देश के माननीय प्रधानमंत्री ने छात्रों को परीक्षा से जुड़े तनाव को लेकर एक देशव्यापी चर्चा में उनका मनोबल बढ़ाने के लिए उपयोगी टिप्स दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जीवन में तभी अच्छा कर पाएंगे जब आप एक हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाएंगे। खासकर, जब आपकी डाइट अच्छी होगी, तब आप अपने आपको केंद्रित कर पाएंगे। आप क्या खाते हैं, कितना खाते हैं और कैसे खाते हैं, यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि नींद का कनेक्शन आपकी सेहत से जुड़ा हुआ है। अगर आपकी नींद पूरी नहीं होगी तो इसका असर आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर पड़ेगा। ऐसे में उन्होंने छात्रों को यह भी सुझाव दिया कि वे परीक्षा की तैयारी करने के साथ अच्छी नींद भी लें। अगर नींद ढंग से पूरी नहीं होगी तो उन्हें स्ट्रेस और तनाव से गुजरना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अपने आपको बेहतर करने के लिए आप धूप भी लें। धूप लेना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। परीक्षा से जुड़े तनाव को काबू में रखना कभी भी आसान नहीं होता क्योंकि छात्रों के लिए परीक्षा का समय काफी तनावपूर्ण होता है। बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों को तनाव होना आम बात है, लेकिन कई बार यह तनाव छात्रों के साथ उनके पेरैंट्स को भी हो जाता है।

परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है। हर व्यक्ति की तनाव झेलने की क्षमता अलग होती है और हर व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है। हालांकि कई बार छात्रों के लिए परीक्षा के इस तनाव को झेलना बेहद मुश्किल हो जाता है। परीक्षा में तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे बहुत सारा सिलेबस याद करना होता है, परीक्षा में आने वाले सवालों को लेकर हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है। तनाव की यह सीमा कई बार सामान्य से ज्यादा भी होती है। ऐसे में घबराने या डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इस तनाव का सामना करने की जरूरत है। परीक्षा के अलावा प्रदर्शन की अपेक्षाएं, समय सीमा, कार्यभार आदि जैसे कारक तनाव को प्रेरित कर सकते हैं। परीक्षा का तनाव कई तरीकों से छात्रों को प्रभावित करता है। यह छात्रों को परीक्षा के दौरान पढ़ाई करने और तैयारी करने से रोकता है। विद्यार्थी को अध्ययन के दौरान अपने विषय पर ध्यान केंद्रित करना कठिन लगता है और वे पुस्तकों को छोड़ भी सकते हैं। यह अच्छी तरह से तैयार छात्र को भी प्रभावित करता है। जिन छात्रों ने अच्छी तैयारी की है और उन्हें अपने पाठ्यक्रम को दोहराने की आवश्यकता है, वे भी परीक्षा-तनाव से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकते हैं। गंभीर परीक्षा के तनाव से स्वास्थ्य संबंधी छोटी-छोटी समस्याएं यानी सिरदर्द, बुखार, उल्टी, दस्त हो सकते हैं। परीक्षा हॉल में पेपर लिखते समय तनाव परीक्षा में छात्रों के समग्र प्रदर्शन को प्रभावित करता है। वे पेपर में सवाल का जवाब देने के बारे में सब कुछ भूल सकते हैं। हो सकता है कि वे प्रश्न के उत्तर देने में सक्षम न हों क्योंकि वे तनाव के कारण पेपर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं। परीक्षा का तनाव परीक्षा में आपके स्कोर को कम करता है। परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए कुछ उपाय हैं जिन्हें अपनाकर छात्र परीक्षा संबंधी तनाव को कम कर सकते हैं। सबसे पहले तनाव को हराने के लिए जरूरी है कि छात्र अपने स्कूल की पढ़ाई, असाइनमेंट और कोर्सवर्क में टॉप में रहें। उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और आगामी परीक्षा नहीं होने पर भी अध्ययन के समय को अपने दैनिक कार्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए। उनका उचित अध्ययन कार्यक्रम होना चाहिए और उन्हें उसका पालन करना चाहिए। पढ़ाई के साथ अप-टू-डेट रहने से छात्रों को तनावमुक्त तरीके से सीखने में मदद मिलेगी। छात्रों को यह भी सीखना चाहिए कि समय का सही प्रबंधन कैसे करें?

तनावमुक्त जीवन जीने के लिए उन्हें समय प्रबंधन तकनीकों को अपनाना चाहिए। बहुत से छात्र अपनी पढ़ाई, शैक्षणिक कार्य या अन्य गतिविधियों में विलंब करते हैं, जिससे काम का ढेर लग जाता है और उन पर बोझ व तनाव बढ़ जाता है। इसलिए अनावश्यक तनाव से बचने के लिए सभी काम समय पर पूरे करने चाहिएं। छात्रों को तनाव से दूर रहने के लिए मेडिटेशन करना चाहिए। इससे उनका फोकस बढ़ता है और वे किसी काम को बिना तनाव के आराम से पूरा कर सकते हैं। वे चाहें तो अपनी मनपंसद हॉबी के लिए कुछ समय निकाल कर तनावमुक्त रह सकते हैं। छात्रों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एक स्वस्थ दिनचर्या का पालन कर रहे हैं? उन्हें तनाव कम करने के लिए पर्याप्त आराम मिलना चाहिए। हर दिन कम से कम 6-7 घंटे सोना चाहिए। स्वस्थ भोजन करना और जितना हो सके जंक फूड से दूर रहें। पढ़ाई के दौरान यदि आप ज्यादा तनाव महसूस करते हैं तो आपको ऐसे व्यक्ति से बात करनी चाहिए जिस पर आप तनाव को दूर करने के लिए भरोसा करते हैं। अंदर ही अंदर तनाव विकसित करने से अच्छा है कि आप अपने विचारों को बाहर आने दें। कभी-कभी परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताना तनाव के स्तर को कम करने में मददगार होता है। समय के अनुसार पढऩा शुरू करें और बीच-बीच में ब्रेक लें। टाइम टेबल के अनुसार पढ़ें। हर एक-दो घंटे बाद दस मिनट का ब्रेक लें। ग्रुप में पढ़ें, ग्रुप में पढऩे के बहुत से फायदे होते हैं। अगर आपके सवाल या समस्याएं हैं तो आप एक दूसरे के साथ इन्हें हल कर सकते हैं। अपने कमजोर अध्यायों पर ध्यान दें। नोट्स बनाकर एक दूसरे के साथ शेयर करें। जब आप पढऩे के लिए तैयार हों, टाइम टेबल बनाकर पढऩा शुरू करें। ध्यान रखें कि हर विषय पर अलग तरह से ध्यान देने की जरूरत होती है।
कई बार तनाव होने के कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनका आपकी असल जिंदगी से कुछ लेना-देना नहीं होता है।

आप ऐसे कारणों को पहचानें। कई बार निगेटिव सोच आपको तनाव में डाल देती है। ऐसे में आपको निगेटिव सोच से ध्यान हटाकर पॉजिटिव सोचना है। जिस तरह निगेटिव सोच आपके आने वाले समय को निगेटिव कर देती है, उसी तरह सकारात्मक सोच आपके आने वाले समय को पॉजिटिव एनर्जी से भर देगी। परीक्षा खराब होगी, यह सोचने से अच्छा है कि यह सोचें कि मेरी परीक्षा बहुत अच्छी जाएगी और मेरे बहुत अच्छे अंक आएंगे। केवल ऐसा सोचना भर ही आपके अंदर आत्मविश्वास पैदा कर देगा। तनाव हमेशा निराशावाद का उत्पाद है। जब आप चीजों के नकारात्मक पक्ष पर सोचते हैं, तो आप अपने आपको अध्ययन के अधिक अधीन करते हैं। प्रधानमंत्री जी ने ठीक कहा कि जीवन परीक्षाएं नहीं हैं। इसलिए फेल होने का तनाव लेने से बचें। अगर आप फेल हो जाएंगे तो फिर से मौका मिल जाएगा। इसके चक्कर में अपनी मानसिक हेल्थ खराब न करें। जीवन अनमोल है, आपका रिजल्ट नहीं है। अंत में परीक्षा प्रणाली को तनावमुक्त बनाने के लिए निरंतर मूल्यांकन परीक्षा प्रणाली को अपनाया जाना बेहतर होगा। क्यों न इसको लेकर देश के सभी राज्यों के शिक्षा बोर्ड एक नई शुरुआत करें?

डा. वरिंद्र भाटिया

कालेज प्रिंसीपल

ईमेल : hellobhatiaji@gmail.com


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