एग्जाम के समय में बच्चे को कैसे रखें टेंशन फ्री, जानें टिप्स

By: Feb 15th, 2025 7:48 pm

परीक्षा की चिंता, छात्रों के जीवन में एक सामान्य और आंतरिक हिस्सा है। चाहे कोई छोटी सी कक्षा हो या फिर विश्वविद्यालय की परीक्षा, छात्र परीक्षा के समय अनेक तरह की चिंताएं अनुभव करते हैं और परीक्षा के दिन यह हाई लेवल पर पहुंच जाता है। परीक्षा की चिंता का अकसर आपकी शैक्षणिक उपलब्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। परीक्षा नजदीक आते ही मां-बाप बच्चों पर पढऩे का दबाव बना देते हैं। अच्छे नंबर लाने के दबाव में बच्चों की भी नींद उड़ जाती है। बच्चों की इस चिंता और तनाव के कारण कई बच्चों को एग्जामफोबिया भी हो जाता है। जबकि ऐसी स्थिति में बच्चों को टेंशन फ्री रखना काफी जरूरी है। अगर आपके बच्चों के भी पेपर नजदीक आ गए हैं और वे भी आपको तनावग्रस्त दिख रहे हैं, तो इन तरीकों को अपनाएं। इन तरीकों से आपका बच्चा टेंशन फ्री रहेगा।

रखें डाइट का ख्याल

परीक्षा के समय बच्चे की डाइट का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि परीक्षा के समय बच्चे खाना-पीना छोडक़र केवल पढ़ाई में ही ध्यान देते हैं। कई बच्चे तो खाना इसलिए भी छोड़ देते हैं कि खाने से नींद आती है, लेकिन खाना छोडऩे से शरीर में कमजोरी आ जाती है, जिससे पढ़ाई में मन नहीं लगता है। नींद से बचने के लिए बच्चों को खाने में आहार की जगह खूब सारे फल खिलाएं। इससे उन्हें नींद नहीं आएगी और एकाग्रता में भी सुधार होगा।

दबाव न डालें

बच्चों पर पढऩे के लिए दबाव न डालें। अच्छे नंबर मायने रखते हैं, लेकिन अच्छे नंबर हमेशा बच्चे की बुद्धिमानी को परिभाषित करें, यह जरूरी नहीं। इसलिए पढऩे के दौरान उन्हें कुछ ऐसी एक्टिविटी भी कराएं, जिनसे उनका पढ़ाई से ध्यान न भटके और उनका माइंड भी फ्रेश हो जाए। जैसे रंग करना। इससे आपका बच्चे को पढ़ाई से थोड़ा ब्रेक मिलेगा और वह दोबारा फिर अच्छे से पढ़ाई शुरू कर पाएगा।

सिर की मसाज करें

परीक्षा के दौरान बच्चों में अच्छे नंबर लाने का टेंशन भी होता है। चाहे माता-पिता फोर्स करें या न करें। क्योंकि अच्छे माक्र्स हर किसी को पसंद आते हैं। ऐसे में बच्चों को पढऩे के दौरान अच्छे माक्र्स लाने की भी टेंशन बनी रहती है। इस तरह पढ़ाई के साथ बच्चों में एक तरह का दबाव भी रहता है, जिसके कारण अकसर बच्चों को सिरदर्द की शिकायत होती है। ऐसी स्थिति में बच्चे के सिर की मसाज करें। इससे बच्चे के रक्त प्रवाह में भी असर होगा और उन्हें आराम भी मिलेगा।

टाइम पर सुलाएं

एग्जाम के दौरान बच्चे सोना छोडक़र रात में पढ़ाई करने लग जाते हैं, लेकिन सारी रात जागकर पढऩे से दिमाग थक जाता है। जिसके कारण कुछ भी पढ़ा याद नहीं रहता। इसलिए ज्यादा पढ़ाई का दबाव न डालें। एक दिन में सारे साल की पढ़ाई नहीं हो जाएगी। इसलिए तीन से चार घंटा पढ़ाएं और रात को ग्यारह बजे सुला दें। इससे बच्चा परीक्षा में पूरे फ्रेश माइंड से बैठ पाएगा। अपने बच्चों के मन में कोई भी ऐसी बात न आने दें, जिससे उन्हें परीक्षा में कोई परेशानी हो। बच्चे के मन में सकारात्मक भाव पैदा करें ताकि उनमें आत्मविश्वास पैदा हो और वे भयमुक्त हो जाएं। परीक्षा की तैयारी के दौरान सकारात्मक मानसिकता बनाए रखना बहुत जरूरी है। अपनी क्षमताओं और योग्यताओं पर भी विश्वास रखें।


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