युद्ध नहीं, तो क्या है?
बीते बुधवार और गुरुवार की रातों में पाकिस्तान ने भारत के कुल 27 शहरों पर 100 से अधिक हवाई हमले किए। यह दीगर है कि हमारे रक्षा-कवच ‘एस-400 सुदर्शन चक्र’ ने उन्हें नाकाम करते हुए टुकड़े-टुकड़े कर दिया। पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान के सीमावर्ती शहरों और गुजरात में कच्छ-भुज को निशाना बनाया गया था। यह टकराव घंटों जारी रहा। पाकिस्तान ने मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट से हमले किए, लेकिन हमारे रक्षा-कवच अभेद्य साबित हुए और दुश्मन के हमलों को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों के साथ-साथ रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया। उसके तमाम हमले विनष्ट कर दिए गए और उसका आक्रमण नाकाम साबित हुआ। पाकिस्तान के करीब 50 ड्रोन हवा में ही चिंदी-चिंदी कर दिए गए। राजस्थान के जैसलमेर में 70 मिसाइलें और जम्मू में 8 मिसाइलें मार गिराईं। यही नहीं, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दो जेएफ-17 और दो एफ-16 लड़ाकू विमानों को जमीन सुंघा दी। जेएफ चीनी और एफ अमरीकी जेट विमान हैं। पाकिस्तान ने जम्मू, ऊधमपुर, पठानकोट, जैसलमेर आदि शहरों में वायुसेना के आधारों को नष्ट करने की मंशा से कई हमले किए, लेकिन सभी नाकाम, नष्ट कर दिए गए। कई शहरों में ब्लैकआउट करना पड़ा, हवाई अड्डों को बंद करने पड़ा और ‘रेड अलर्ट’ घोषित करना पड़ा। हालात अब भी सामान्य नहीं हैं। गुरुवार रात में ही भारतीय सेनाओं ने पलटवार कर लाहौर, कराची, पेशावर, सियालकोट और राजधानी इस्लामाबाद तक के पाकिस्तान को थर्रा और दहला दिया। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय को फिलहाल बख्शा गया है, लेकिन वहां ड्रोन से हमले जरूर किए गए हैं। रावलपिंडी का स्टेडियम तहस-नहस कर दिया गया है। इन शहरों में तैनात एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया गया है। पाकिस्तान का ‘अवाक्स सिस्टम’ बर्बाद कर दिया गया है। पाकिस्तान का ‘रडार सिस्टम’ भी विनष्ट कर दिया गया है। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस विक्रांत’ ने पाकिस्तान की व्यावसायिक-आर्थिक राजधानी कराची को दहला दिया है।
कराची में ही पाकिस्तान की सबसे बड़ी बंदरगाह और वहां का नौसेना मुख्यालय है। जब ये हमले शुरू हुए, उसके करीब दो घंटे के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में कबूल किया कि हमले किए गए हैं और हालात युद्ध जैसे हैं। पाकिस्तान यह कथित युद्ध आधा हार चुका है, क्योंकि उसके प्रमुख डिफेंस सिस्टम और रडार प्रणाली बर्बाद हो चुके हैं। अब पाकिस्तान को हवाई हमलों की जानकारी कैसे मिलेगी और वह देश की रक्षा कैसे कर सकेगा? यही युद्ध नहीं है, तो क्या है? नुकसान दोनों तरफ कितना हुआ है, उसका हिसाब अभी सामने आना है। प्रधानमंत्री मोदी लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकातें कर रहे हैं और हमलों के ब्रीफ ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने 11 साल के अपने कार्यकाल के दौरान सुरक्षा से जुड़े मंत्रालयों के सचिवों से पहली बार, एकसाथ बैठक की और आपात स्थितियों की तैयारियों को जानने की कोशिश की। यह युद्धकालीन कवायद ही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार सुबह भी ‘साउथ ब्लॉक’ में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान समेत तीनों सेना प्रमुखों से एक महत्वपूर्ण मुलाकात और बैठक की है। देश के प्रमुख शहरों समेत राजधानी दिल्ली में ‘आपात अलर्ट’ घोषित किया गया है। दिल्ली में कुतुबमीनार और लालकिला सरीखे ऐतिहासिक स्मारकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विदेश मंत्री जयशंकर अमरीका, इटली, स्पेन, यूरोपीय संघ आदि के विदेश मंत्रियों और नेताओं से संवाद कर चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। भारत ने अचानक और पाकिस्तान को बिन बताए कश्मीर के दो बांधों-बगलिहार और सलाल-के गेट खोल दिए हैं। नतीजतन पाकिस्तान में बाढ़ के हालात बन सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी विश्व भर से भारत को समर्थन जुटा रहे हैं। बहरहाल, युद्धविराम के नियमों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है, तो यह युद्ध नहीं है, तो और क्या है?
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App or iOS App