आतंक के खिलाफ कैसी लड़ाई

By: May 22nd, 2025 12:05 am

इजरायल ने गाजा पट्टी में नरक से बदतर हालात बना रखे हैं। वह गाजा में हमास के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लडऩे का दावा करता रहा है। गाजा के लोग घुन की तरह पिस रहे हैं। इजरायल के हवाई हमलों में 54,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा के 9.3 लाख बच्चे (करीब 93 फीसदी) भुखमरी की गिरफ्त में हैं। अब तक 57 बच्चे कुपोषण के कारण जिंदगी गंवा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक उच्च अधिकारी का आकलन है कि यदि मानवीय सहायता यथाशीघ्र नहीं पहुंची, तो करीब 14000 नवजात शिशु कभी भी दम तोड़ सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि उसके पास करीब 500 बच्चों के इलाज के लायक ही सामग्री बची है। गाजा में खाद्य पदार्थों और ईंधन आदि रसद पर भी इजरायल की नाकेबंदी है। इजरायल गाजा पर कब्जा करना चाहता है, लेकिन आवरण आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का है। अब अमरीका ने भी इजरायल को धमकी देना शुरू कर दिया है और ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, कुछ यूरोपीय देशों ने बयान जारी कर इजरायल की आतंकी लड़ाई को खारिज किया है और चेतावनी दी है कि यदि गाजा की 21 लाख आबादी के लिए पर्याप्त खाद्य और ईंधन की आपूर्ति तय नहीं की गई, तो उसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन माना जाएगा। इजरायल के पूर्व जनरल एवं विपक्षी नेता यायर गोलान प्रधानमंत्री नेतन्याहू की ऐसी युद्ध-नीति के घोर आलोचक हैं। उनका मानना है कि कोई भी सभ्य देश बच्चों की हत्या का शौक नहीं पालता। लोगों को विस्थापित करने के लक्ष्य नहीं बनाता। यह आतंकवाद के नहीं, मानवता के खिलाफ युद्ध है। बहरहाल गाजा पट्टी में इजरायल की नाकेबंदी के कारण आटा 5000 फीसदी और तेल 1200 फीसदी तक महंगे बिक रहे हैं। खीरे की कीमत 7 गुना बढ़ गई है। बेबी फूड 4 गुना से अधिक महंगा हो चुका है और मटर अब करीब 1000 फीसदी महंगा हो गया है। रसोई गैस के दाम 2400 फीसदी बढ़ जाने से खाना बनाना असंभव-सा हो गया है। अब भूख हर गली में लूट को जन्म दे रही है।

संयुक्त राष्ट्र के सहायता-समूह का मुख्यालय और गोदाम भी लूट की चपेट में आ गए हैं। ये उन बाजारों और इलाकों के आंकड़े हैं, जो इजरायल के हमलों से बचे हैं, लेकिन वे भी खाली हो रहे हैं। वहां एक लीटर पानी 2000 रुपए में बेचा जा रहा है और एक अंडे की कीमत औसतन 300 रुपए है। यह विश्व का कौनसा भूखंड है, जहां कोई कायदा-कानून नहीं है। कोई वैश्विक नियंत्रण नहीं है। इन हालात के बावजूद गाजा में अमरीका भी विकास-योजना के बयान देता रहा है। वह गाजा का पुनर्निर्माण करवाना चाहता है। अमरीकी राष्ट्रपति टं्रप न तो गाजा में, अपने मित्र, इजरायल को महाविनाश से रोक पाए हैं और न ही रूस-यूक्रेन के बीच शांति-समझौता कराने में सफल रहे हैं। राष्ट्रपति टं्रप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच, फोन पर, दो घंटे से ज्यादा की बातचीत हुई है, लेकिन पुतिन 30 दिन के प्रस्तावित युद्धविराम के बजाय स्थायी शांति-समझौते के पक्षधर हैं। हालांकि रूस-यूक्रेन का युद्ध क्षेत्रीय वर्चस्व और कब्जे का युद्ध है। गाजा में इजरायल हमास का आतंकवाद मिट्टी में मिला देना चाहता है, लेकिन हमास आज भी जिंदा है। हालांकि 7 अक्तूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के आतंकी हमले के बाद से अघोषित युद्ध जारी है, लेकिन गाजा पट्टी अब लगभग खंडहर हो चुका है। हमास का अस्तित्व अब भी है, क्योंकि कुछ हमले उसकी ओर से भी किए जाते रहे हैं। अल्प युद्धविराम के बाद इजरायल ताबड़तोड़ हवाई हमले कर रहा है, नतीजतन मानवता लगातार लाश बनती जा रही है। एक उदाहरण भारत का भी है। भारत ने पाकिस्तान के 100 किलोमीटर भीतर तक मिसाइल हमले किए और आतंकी अड्डों को ‘मिट्टी-मलबा’ बना दिया गया। 100 से अधिक आतंकी भी ढेर कर दिए गए, लेकिन पाकिस्तान की अवाम को खरोंच तक नहीं आई। इसे आतंकवाद के खिलाफ लक्षित लड़ाई करार दे सकते हैं। इजरायल को भारत से ही सबक सीखना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और मानवता के खिलाफ लड़ाई में अंतर किया जाना चाहिए।


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