‘सुपर शतकवीर’ शुभमन

By: Jul 5th, 2025 12:05 am

वाह कप्तान शुभमन गिल…! क्या शानदार उपलब्धि हासिल की है कि 25 साल 297 दिन की उम्र का बल्लेबाज शुभमन गिल भी मंसूर अली खां पटौदी, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली सरीखे टीम इंडिया के ऐतिहासिक बल्लेबाजों की श्रेणी में प्रवेश कर गया। टेस्ट कप्तान के तौर पर गिल ने 269 रन (30 चौके और 3 छक्के) की जो विराट पारी खेली है, उससे वह ‘सर्वोच्च कप्तान’ बन गए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ, इंग्लैंड की सरजमीं पर, गावस्कर ने 1979 में 221 रन और ‘दीवार’ द्रविड़ ने 2002 में 217 रन की ‘सुपर पारियां’ खेली थीं, लेकिन वे टीम के कप्तान नहीं थे। ऐसे ऐतिहासिक बल्लेबाजों के कीर्तिमानों को पीछे छोड़ कर 269 रन का अपना ‘मील पत्थर’ स्थापित करना कितना सुखद और गुदगुदाने वाला लगता होगा! शुभमन ने टीम इंडिया के ‘विराट बल्लेबाज’ विराट कोहली के अभी तक के विराट स्कोर 254 रन को भी पीछे छोड़ दिया। हालांकि दक्षिण अफ्रीका की टीम के खिलाफ वह मैच पुणे (भारत) में खेला गया था। बल्लेबाजों की कतार में 319 रन ठोंकने वाले वीरेंद्र सहवाग वाकई ‘सर्वोच्च’ रहे, हालांकि वह टीम कप्तान कभी नहीं रहे। करुण नायर ने भी 300 रन का आंकड़ा पार किया है, हालांकि वह करियर के दूसरे चरण में अभी ‘अग्नि-परीक्षा’ के दौर से गुजर रहे हैं। वीवीएस लक्ष्मण ने भी स्टीव वॉ की ऑस्टे्रलियाई अजेय टीम के खिलाफ 281 रन बनाए थे, लेकिन शुभमन गिल की अप्रतिम उपलब्धि यह है कि वह टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान हैं और अपेक्षाकृत युवा और नए अनुभव वाले खिलाड़ी हैं। पूरी टीम ही युवा और नई है। यह भारतीय क्रिकेट का संक्रमणकाल है। दिग्गज और शतकवीर बल्लेबाज सेवामुक्त हो चुके हैं। इंग्लैंड की सरजमीं पर कप्तान के तौर पर ऑस्टे्रलिया के बॉबी सिम्पसन की 311 रन (1964) और दक्षिण अफ्रीका के युवा ग्रीम स्मिथ की 277 रन (बर्मिंघम, 2003) की पारियों के बाद शुभमन तीसरे स्थान पर हैं। वे दिग्गज बल्लेबाज भी अतीत हो चुके हैं। सिर्फ गिल ही मौजूदा दौर में खेल रहे हैं, लिहाजा 269 रन का कीर्तिमान भी अतुलनीय है। गिल अपनी कप्तानी में दूसरा टेस्ट मैच ही खेल रहे हैं। उन्हें कई और मील-पत्थर पार करने हैं।

कप्तान शुभमन एशिया के भी ‘सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज’ बन गए हैं। उन्होंने श्रीलंका के तत्कालीन कप्तान दिलशान की 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली 193 रनों की पारी को भी पीछे कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि शुभमन का प्रथम दोहरा शतक लगभग त्रुटिहीन और सटीक था। उन्होंने मात्र 3.5 फीसदी शॉट्स ही गलत खेले। बहरहाल इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया ने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 587 रनों का पहाड़ बुन दिया है। यह कथन इसलिए सही है, क्योंकि इंग्लैंड के 3 शतकवीर बल्लेबाज मात्र 25 रनों पर ही ढह गए हैं। यह बड़ी विराट चुनौती है। यह इंग्लैंड की सरजमीं पर 18 लंबे सालों के बाद संभव हुआ है, जब टीम इंडिया ने 500 रनों का आंकड़ा पार किया है। यह संभव इसलिए हो सका, क्योंकि गिल ने ऐतिहासिक 269 रन की पारी खेली, भारत ने 371 रन पांच विकेट गिरने के बाद बनाए। यह इतिहास का टीम इंडिया का सर्वोच्च स्कोर है। गिल एक ही सीरिज में 400 रन बनाने के बहुत करीब पहुंच गए हैं। यह पांच मैचों की शृंखला है। यदि गिल ऐसे ही खेलते रहे, तो न जाने कितने और इतिहास रचे जाएंगे। बहरहाल यह भारत के भविष्य की क्रिकेट टीम है। इन्हीं खिलाडिय़ों में से सचिन, द्रविड़, सौरव, विराट, रोहित आदि विराट खिलाड़ी बनने हैं। कई अग्नि-परीक्षाएं देनी हैं। इंग्लैंड ही अंतिम परीक्षा नहीं है। खेल के किसी भी विभाग में जो खामियां हैं, डर है, आशंकाएं हैं, उन पर विजय प्राप्त करनी है। देश तब भी आशंकित और सवालिया मुद्रा में था, जब शुभमन को टीम इंडिया का टेस्ट कप्तान घोषित किया गया। यह खेल टी-20 से बिल्कुल भिन्न है, लेकिन शुभमन ने अपने नेतृत्व की बानगी भी दी है। वह साथियों से लगातार संवाद करते हैं और साथियों के सुझाव भी सुनते हैं। फिर खेल की रणनीति तय करते हैं। वह नाकामी को भी पूरे समर्पण के साथ ग्रहण करते हैं। बहरहाल टीम इंडिया का नया भविष्य हमें तो उज्ज्वल और सकारात्मक लगता है। टीम इंडिया को इसी लय के साथ आगे भी खेलना होगा।


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