बिजली दरों में रियायत देने की मांग
बीबीएन — हिमाचल दवा निर्माता संघ के प्रदेशाध्यक्ष एमबी गोयल की अध्यक्षता में दवा उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री से मुलाकात की और उद्योग जगत को पेश आ रही समस्याओं से अवगत करवाया। संघ ने कहा कि हिमाचल को ऊर्जा राज्य का हब माना जाता है,यहां में सरपल्स बिजली का उत्पादन है। बिजली की निर्बाध उपलब्धता औद्योगिक निवेश को बढ़ाने में अहम रोल अदा कर सकती है। दवा उद्यमियों ने बताया कि देश के केरल, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्य में बिजली हिमाचल के समान है और वहां एक रुपए प्रति यूनिट की दर से सबसिडी उद्योगों को दी जा रही है, लेकिन हिमाचल के पास सरप्लस बिजली होने के बाद भी उद्यमियों को इस तरह का कोई लाभ नहीं मिल रहा। दवा निर्माता संघ ने सरकार से मांग की कि बिजली की दरों में रियायत प्रदान की जाए। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल को भी लोकल परचेज पर नीति बनानी चाहिए। इसका फायदा उद्यमियों को मिलेगा और सरकार को प्रदेश में ही दवाएं उपलब्ध होंगी। सरकार को कुछ फीसदी खरीद स्थानीय उद्योगों से निर्धारित करनी चाहिए, जिससे औद्योगिक निवेश भी बढ़ेगा और उद्योगों में भी स्थिरता रहेगी। संघ ने कहा कि बीबीएन में ट्रक यूनियन ही एकमात्र ट्रांसपोर्ट का साधन है, लेकिन किरायों की मनमानी इतनी अधिक होने के कारण कारोबार में परेशानियों हो रही हैं। उन्होंने सरकार से इसके निवारण के लिए उद्यमियों को 25 फीसदी तक सबसिडी देनी की मांग की। उद्यमियों ने कहा कि प्रदेश सरकार को उद्यमियों को अपने स्तर पर ट्रकों को हायर करने की कोशिश करवानी चाहिए, ताकि कारोबार व ट्रासपोर्टेशन में उन्हें परेशानी न हो। इसके अलावा अन्य मांगों को भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एमबी गोयल के साथ उपाध्यक्ष हर्ष गोयल, राकेश बिहारी गुप्ता, विवेक सिंह, राजेश बंसल, सुमित सिंगल, सुमित गुप्ता, अतुल समेत अन्य पदाधिकारी मुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री से मिले।
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