मनोरोगी है टीएमसी से भागा कैदी
टीएमसी — डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा से पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ कैदी मनोरोगी है। बताते हैं कि साइकेट्री डिपार्टमेंट में उसका उपचार चला हुआ है। 28 वर्षीय शमशेर सिंह नाम का यह कैदी फतेहपुर का रहने वाला है और उस पर अपने पिता की हत्या का आरोप है। 20 अप्रैल को पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। वह ज्यूडिशियल रिमांड पर चल रहा है और नूरपुर सब जेल में बंद था। 10 मई को उसे टीएमसी लाया गया था। यहां साइकेट्री वार्ड में बेड नंबर 36 में यह दाखिल है। रविवार को सुबह नौ बजे के करीब टीएमसी से फरार हुए इस कैदी को रविवार को ही कोटला में दोबारा गिरफ्तार किया गया। बताते हैं कि टीएमसी से फरार होने के बाद शमशेर सिंह किसी बस में सवार हुआ था। बस में इसकी हरकतों को देखते हुए बस कंडक्टर ने उसे बीच रास्ते में उतार दिया। वहां से एक ट्रक में लिफ्ट लेकर वह कोटला पहुंचा। वहां से फिर वह बगलामुखी मंदिर गया। मंदिर के पास ही एक गांव है, जहां उक्त कैदी की दूर की रिश्तेदारी है। वहां जब एक व्यक्ति ने उसे पहचाना तो उसने कोटला पुलिस को सूचित किया। क्योंकि वो जानता था कि शमशेर अपने पिता की हत्या के आरोप में जेल में बंद है। इस तरह उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया। उधर, एसपी कांगड़ा ने कैदी में गार्द में लगे पांचों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। शमशेर सिंह की रखवाली के लिए पांच लोगों की नई गार्द लगाई गई है। पहरा इतना कड़ा कर दिया गया है कि गार्द की चैकिंग के लिए पुलिस कर्मियों की अलग से ड्यूटी लगाई गई है। पहले पुलिस कर्मी रविवार अल सुबह तीन बजे चैकिंग पर पहुंचे उसके बाद सुबह दस बजे और दोपहर को फिर दो बजे। डीएसपी कांगड़ा सुरेंद्र शर्मा ने पूछे जाने पर बताया कि कैदी की पहरेदारी के लिए एक हैड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल तैनात किए गए हैं।
पुलिस के हाथ से कैदियों का भागना कोई नया नहीं
कांगड़ा पुलिस के हाथ से कैदियों का भाग जाना वैसे कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब कैदी पुलिस को चकमा देकर फरार हुए हैं। इनमें ज्यादातर मामले उपचार के दौरान कैदियों के अस्पतालों से फरार होने के ही हैं।
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