दुर्लभ से दुर्लभ किताब चाहिए तो बिलासपुर आएं
बिलासपुर – वर्ष 1956 में महज 300 किताबों से शुरू हुई जिला लाइब्रेरी आज करीब विभिन्न विषयों की लगभग 55 हजार किताबों से लोगों के ज्ञान में बढ़ोतरी कर रही है। बेशक इंटरनेट के इस युग में लाइब्रेरी में अब पहले की तुलना में उतने पाठक नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद किताबों के जरिए अपने ज्ञान में वृद्धि करने वाले हर रोज लाइब्रेरी में पहुंचते हैं। यहां पर सरदार वल्लभ भाई पटेल, पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर रैम्जे म्यूर द्वारा ब्रिटिश राष्ट्रमंडल के संक्षिप्त इतिहास के साथ ही गदर दिल्ली की डायरी जैसी गई दुर्लभ श्रेणी की किताबें भी पाठकों के लिए उपलब्ध रहती हैं। पाठकों की भाषा ज्ञान के हिसाब से भी यहां पर अंग्रेजी, हिंदी, पहाड़ी, पंजाबी और उर्दू भाषाओं की किताबें इस लाइब्रेरी में पाठकों की डिमांड के मुताबिक उपलब्ध करवाई जाती हैं। जानकारी के मुताबिक वर्ष 1956 में इसे पब्लिक लाइब्रेरी के नाम से शुरू किया गया था। इसके बाद 1960 में इसका नाम पब्लिक लाइब्रेरी से बदलकर जिला लाइब्रेरी कर दिया गया। जिला लाइब्रेरी के नामकरण के बाद यहां पर पाठकों की सुविधा के लिए विभिन्न श्रेणी की किताबें रखी गईं, क्योंकि उस समय लोगों के लिए मनोरंजन के साथ ही ज्ञान वृद्धि के लिए किताबें ही मुख्य जरिया थीं, ऐसे में लाईब्रेरी में रोजाना खासी भीड़ रहती थी। इसके बाद बच्चों को खेल-खेल में ज्ञान बांटने के लिए यहां पर विभिन्न लेखकों की ज्ञानवर्धक रोचक कहानियों के साथ उनके लिए सांपसीढ़ी व कैरम बोर्ड जैसी खेलें भी उपलब्ध करवाई गईं। वहीं बिलासपुर के पाठकों के लिए हिमाचल लेखकों सुदर्शक वशिष्ठ, खुशी राम शास्त्री, गौतम व्यथित, नरोत्तम दत्त शास्त्री की व्यास की धरा, कांगड़े दियां लोक कथां, गास्सें हत्थ पुजाणे, बिलासपुर की राजनीतिक इतिहास और कहलूर की पदमिनी जैसी किताबें भी यहां पाठकों को उनकी मांग के हिसाब से उपलब्ध करवाई जाती हैं। जिला लाइब्रेरी की स्थापना से लेकर आज तक कुल 250 किताबें विभिन्न कारणों से यहां नहीं हैं। इनमें से सिर्फ 20 ऐसी किताबें थीं, जिन्हें पाठक पढ़ने के लिए अपने साथ ले तो गए, लेकिन उन्होंने उन किताबों को फिर कभी वापस नहीं लौटाया। वहीं सामान्य ज्ञान, फिलोस्पी, धार्मिक, सोशल साइंस, एजुकेशनल, प्योर साइंस, अप्लाइड साइंस, आर्ट्स, लिटे्रचर, हिस्ट्री और जियोग्राफी की किताबें भी यहां उपलब्ध हैं।
ये हैं दुर्लभ श्रेणी की किताबें
किताब लेखक वर्ष
विश्व इतिहास की झलक पं. जवाहर लाल नेहरू 1952
सरदार वल्लभ भाई पटेल नरहरि द्वा. पारीख 1951
ब्रिटिश राष्ट्रमंडल का इतिहास रैम्जे म्यूर-अनुवादन-हरिदत्त 1973
गदर दिल्ली की डायरी नवाब मुईनुद्दीन हसन खान 1973
श्रीयोग वशिष्ठ भाषा-धार्मिक साधु रामप्रसाद जी महाराज 1961
ऋग्वेद संहिता — 1940
कर्मयोग शास्त्र बाल गंगाधर तिलक 1959
हिमाचली लेखकों की पुस्तकें
व्यास की धरा सुदर्शन वशिष्ठ 1984
कांगड़े दियां लोक कथां खुशी राम शास्त्री 1980
गास्सें हत्थ पुजाणे गौतम व्यथित 1985
बिलासपुर का राजनीतिक इतिहास नरोत्तम दत्त शास्त्री 1982
कहलूर की पदमिनी श्याम लाल 1986
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