मेहनत के फल को चक्कर पर चक्कर
मंडी — गत वर्ष वार्षिक परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले होनहारों को अभी तक लैपटॉप नहीं मिल पाए हैं। इसके चलते मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटाप की जानकारी प्राप्त करने के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालय में चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि राजीव गांधी डिजिटल योजना के तहत प्रदेश में करीब दस हजार होनहार छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिए जाएंगे। इस योजना के तहत हर वर्ष दसवीं व जमा दो में मैरिट में आने वाले निजी व सरकारी स्कूलों के करीब दस हजार छात्र-छात्राओं को सरकार प्रोत्साहन के रूप में लैपटॉप वितरित करती है। इसमें मंडी जिला के 1460 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेरिट के आधार पर लैपटाप मिलेंगे। इसमें दसवीं कक्षा के 726 छात्र-छात्राएं, जमा को कॉमर्स विषय के 84, आर्ट्स विषय में 448 और साइंस विषय के लिए 202 मेधावी बच्चों को लैपटॉप वितरित किए जाएंगे। गत वर्ष सितंबर महीने में लैपटॉप बांटने की प्रक्रिया विभाग ने शुरू ही की थी कि विस चुनावों के चलते प्रदेश में आचार संहिता लग गई। जिस कारण मेधावी बच्चों को लैपटॉप बांटने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग द्वारा रोक दी गई। लेकिन अब भी आचार संहिता खत्म हुए काफी समय हो चुका है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को लैपटॉप देना शुरू नहीं किया। बच्चों के अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि मेधावी बच्चों को जल्द लैपटॉप देने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इस बारे में उच्च शिक्षा उपनिदेशक अशोक शर्मा का कहना है कि शिक्षा विभाग से अनुमति मिलते ही बच्चों को लैपटॉप वितरित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि विभाग जल्द ही चयनित बच्चों को लैपटॉप देने के बारे में बच्चों को अवगत करवा दिया जाएगा।
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