‘श्रेष्ठ’ बनेंगे प्रदेश के शिक्षण संस्थान
यूजीसी ने हिमाचल के कालेजों से इंस्टीच्यूट ऑफ एमिनेंस बनने के लिए मांगे आवेदन
शिमला — प्रदेश के शिक्षण संस्थानों के पास स्वायत्तता पाने का एक बेहतर विकल्प है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों को इंस्टीच्यूट ऑफ एमिनेंस बनाने की योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत एमिनेंस यानि श्रेष्ठता का दर्जा पाने के लिए शिक्षण संस्थान निर्धारित पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से एक बार फिर से इंस्टीच्यूट ऑफ एमिनेंस की विंडो खोली गई है। इस योजना के लिए पहले कम आवेदन आने पर आयोग ने एक और मौका शिक्षण संस्थानों को दिया है। अब उच्च शिक्षण संस्थान 22 फरवरी तक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। यूजीसी की ओर से उच्च शिक्षण संस्थानों से आवेदन मांगे गए हैं। जिन शिक्षण संस्थानों ने पहले आवेदन नहीं किया गया होगा, वे दोबारा इस विंडो के माध्यम से आवेदन नहीं कर पाएंगे। इस योजना के तहत यूजीसी 20 विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए मसौदा तैयार कर रहा है। इसके तहत जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसमें 10 वर्षों में 10 सार्वजनिक उच्च शिक्षा संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए 10 हजार करोड़ की राशि यूजीसी की ओर से खर्च की जाएगी। योजना के लिए हर साल शिक्षण संस्थानों को श्रेष्ठता देने के लिए यूजीसी आवेदन शिक्षण संस्थानों से मांग रही है। ये आवेदन तीन तरह के कालेज व संस्थानों से मांगे गए हैं, जिसमें सरकारी शिक्षण संस्थान, निजी उच्च शिक्षण संस्थान और प्राइवेट इंस्टीच्यूट स्थापित करने के लिए स्पांसर करने वाले संस्थान आवेदन कर सकते हैं। आवेदनों के आधार पर दस सरकारी और दस निजी शिक्षण संस्थानों को इंस्टीच्यूट ऑफ एनिनेंस का दर्जा मिलेगा। इसमें सरकारी शिक्षण संस्थानों को सरकार की ओर से एक हजार करोड़ रुपए की ग्रांट मिलेगी। इस ग्रांट से संस्थान अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर, लैब, क्लासरूम सहित अन्य सुविधाएं छात्रों को मुहैया करवा सकेंगे। इसके अलावा जो स्वायत्तता शिक्षण संस्थानों को मिलेगी, उसमें 10 संस्थानों को बिना सरकारी अनुमति के अपनी फीस तय करने, विदेशी शैक्षणिक संस्थानों से एमओयू करने और विदेशी छात्रों का दाखिला देने की आजादी की जाएगी। आवेदन करने वाले शिक्षण संस्थानों में इंजीनियरिंग, मेडिकल समेत अन्य शिक्षण संस्थान भी शामिल हो सकते हैं।
मार्च में एमिनेंस का दर्जा
यूजीसी द्वारा इंस्टीच्यूट ऑफ एमिनेंस के लिए जिन भी शिक्षण संस्थानों ने आवेदन किए है उनके आवेदन 22 फरवरी तक आने के बाद एक विशेषज्ञ कमेटी द्वारा संस्थानों द्वारा दिए गए आवेदनों की जांच करेगी। इसी वर्ष मार्च तक 20 ऐसे संस्थानों का नाम तय कर लिया जाएगा, जिन्हें एमिनेंस का दर्जा दिया जाएगा।
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